क्या 'पंचायत' सीजन 4 में चुनावी जंग ने बढ़ाई मजेदार राजनीति की खुमारी?
Stressbuster Hindi June 24, 2025 05:42 PM
पंचायत का नया सीजन: मनोरंजन का नया दौर

2020 में प्राइम वीडियो पर आई वेब सीरीज 'पंचायत' ने कोरोना के कठिन समय में दर्शकों का दिल जीत लिया था। यह शो तब से लेकर अब तक लोगों की पसंद बना हुआ है। दर्शक इसके नए सीजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, और अब 'पंचायत' का सीजन 4 रिलीज हो चुका है। इस बार फुलेरा गांव की प्रधान मंजू देवी (नीना गुप्ता) की कुर्सी खतरे में है, क्योंकि बनारस की क्रांति देवी (सुनीता राजवार) चुनाव में उन्हें चुनौती दे रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनावी मुकाबले में कौन जीतता है।


कहानी का सारांश

'पंचायत' का चौथा सीजन वहीं से शुरू होता है, जहां तीसरा खत्म हुआ था। प्रधानजी (रघुबीर यादव) को कंधे में गोली लगी थी, जो अब ठीक हो गई है, लेकिन उनके मन में डर और दर्द अभी भी है। सचिव जी (जितेंद्र कुमार) पर विधायक (प्रकाश झा) पर हमले का आरोप लगा है। इस बीच, फुलेरा में चुनावी माहौल गर्म है। बनारसी, क्रांति देवी, बिनोद (अशोक पाठक) और माधव (बुल्लू कुमार) प्रधानजी और उनकी पार्टी पर नजर रखे हुए हैं।


चुनावी जंग का मजा और चुनौती

शो की शुरुआत थोड़ी धीमी है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, राजनीति का रंग देखने को मिलता है। प्रधानजी और मंजू देवी, सचिव जी, रिंकी (सविका) के साथ मिलकर जो भी प्रयास करते हैं, बनारसी और उसके साथी उन पर हावी हो जाते हैं। उनका नारा 'कुकर में लौकी पकाना' है, और इसके लिए वे मेहनत कर रहे हैं। प्रधान और उनकी टीम की मुश्किलें देखकर दर्शकों को दुख भी होता है।


क्या है नया?

मंजू देवी और क्रांति देवी के बीच की चुनावी जंग देखने में मजेदार और कभी-कभी बोरिंग भी लगती है। यदि आप 'पंचायत' के पिछले सीजन को याद करते हैं, तो यह सीजन भी कुछ हद तक उसी तरह का है। कहानी चुनाव और उसकी गर्मी के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन इसके आगे कुछ खास नहीं है। प्रधानजी पर गोली किसने चलाई, इसका जवाब अभी भी तलाशा जा रहा है।


किरदारों का प्रदर्शन

जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव, दुर्गेश कुमार, सुनीता राजवार, प्रकाश झा, संविका, चंदन रॉय, और फैसल मलिक ने अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है। अशोक पाठक का बिनोद के रूप में प्रदर्शन पूरी सीरीज में सबसे बेहतरीन है। अंतिम एपिसोड में उनके विभिन्न भावनाओं को पेश करने का तरीका प्रशंसा के योग्य है। हालांकि, इस बार शो में राजनीति का रंग अधिक है और मनोरंजन थोड़ा कम।


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