मध्य-पूर्व एशिया में बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को प्रभावित किया है। कतर, यूएई और बहरीन के हवाई क्षेत्र बंद होने से चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानें रद्द हुई हैं। हालांकि कतर ने अपने हवाई क्षेत्र को फिर से खोल दिया है।
इससे पहले ईरान के अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों और अमेरिका के ईरानी परमाणु ठिकानों पर हवाई हमलों का सीधा असर हवाई सेवा पर पड़ा। मंगलवार को ही चेन्नई हवाई अड्डे पर 11 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें 6 प्रस्थान (डिपार्चर) और 5 आगमन (अराइवल) करने वाली फ्लाइट शामिल हैं।
इनमें कुवैत, मस्कट, अबू धाबी (2) और दोहा (2) की उड़ानें थीं, जो इंडिगो और कतर एयरवेज द्वारा संचालित थीं। दोहा (2), कुवैत (2) और अबू धाबी से आने वाली कतर एयरवेज, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें भी रद्द हुई हैं।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि अगर क्षेत्रीय तनाव जारी रहा तो उड़ानों को आगे भी रद्द किया जा सकता है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि प्रभावित देशों की यात्रा से पहले अपनी एयरलाइंस से नवीनतम अपडेट लें।
इसके अलावा, थाईलैंड से दोहा जा रही कतर एयरवेज की तीन उड़ानें कतर के हवाई क्षेत्र में प्रवेश न दिए जाने के कारण मंगलवार तड़के 2 बजे चेन्नई में उतरने को मजबूर हुईं।
लंदन, दुबई, बहरीन, अबू धाबी, शारजाह और सिंगापुर सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ानों को हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण देरी का सामना करना पड़ा।
ईरान और इजरायल में बढ़ते तनाव और अमेरिकी हवाई हमलों के बाद सुरक्षा की दृष्टि से हवाई क्षेत्र बंद किए गए।
तनाव बढ़ने और उड़ान मार्गों के प्रभावित होने के कारण चेन्नई हवाई अड्डा हाई अलर्ट पर है और स्थिति पर नजर रख रहा है। यात्रियों की असुविधा कम करने के लिए एयरलाइंस और नियामक एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ