दुनिया की खबरें: इजराइल-ईरान युद्धविराम 'प्रभावी' है और यूक्रेन में रूसी हमलों में 13 लोगों की मौत
Navjivan Hindi June 25, 2025 03:42 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इजराइल अपने लड़ाकू विमानों को वापस बुलाने जा रहा है और ईरान पर हमला करना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उनका युद्धविराम कुछ समय स्थगित रहने के बाद “प्रभावी” हो गया।

ट्रंप ने दोनों पक्षों पर युद्ध विराम का पालन करने का दबाव डालते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “इजरायल ईरान पर हमला नहीं करने जा रहा है। सभी विमान वापस लौट जाएंगे। किसी को भी नुकसान नहीं होगा, युद्ध विराम प्रभावी है!”

ट्रंप ने कहा कि वह ईरान में शासन परिवर्तन की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वहां अस्थायी युद्ध विराम लागू हो गया है।

इससे पहले, हेग में नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने उन हमलों पर निराशा व्यक्त की थी जो शत्रुता रोकने के लिए मंगलवार की समय-सीमा के बाद भी जारी रहे।

ट्रंप ने कहा, “उन्होंने इसका उल्लंघन किया, लेकिन इजराइल ने भी इसका उल्लंघन किया।”

उन्होंने कहा, “मैं इजराइल से खुश नहीं हूं।”

ट्रंप ने कहा, “मुझे यह बात पसंद नहीं आई कि हमारे साथ समझौता होने के तुरंत बाद ही इजराइल ने हमला शुरू कर दिया। और अब मैं सुन रहा हूं कि इजराइल ने सिर्फ इसलिए कदम उठाया क्योंकि उन्हें लगा कि एक रॉकेट ने उनकी सीमा का उल्लंघन किया है, जो कहीं गिरा ही नहीं।”

रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों पर गहरी नाराजगी जताई, जबकि उन्होंने इस समझौते को — जिसे उन्होंने मध्यस्थता कराकर हासिल किया था — ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हवाई हमलों की अपनी रणनीतिक जोखिम भरी पहल की पुष्टि के रूप में पेश किया था।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने पुष्टि की कि अगर इजराइल चाहे तो ईरान भी अपने हमले रोक देगा। वहीं इजराइल ने भी पुष्टि की कि वह अपने अभियान के लक्ष्य तक पहुंच गया है और हमले बंद कर देगा।

हालांकि मंगलवार को यह अस्थायी संघर्ष विराम तब टूट गया जब इजराइल ने ईरान पर युद्ध विराम लागू होने के बाद उसके हवाई क्षेत्र में मिसाइल दागने का आरोप लगाया और जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प जताया।

सरकारी मीडिया के अनुसार, ईरान की सेना ने इजराइल पर हमला करने से इनकार किया है - लेकिन मध्याह्न के समय उत्तरी इजराइल में विस्फोटों की आवाजें गूंजीं और सायरन बजने लगे, तथा एक इजराइली सैन्य अधिकारी ने कहा कि दो ईरानी मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया।

पत्रकारों से बात करते समय ट्रंप की हताशा स्पष्ट थी, उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया।

ट्रंप ने कहा, “मैं उनसे खुश नहीं हूं। मैं ईरान से भी खुश नहीं हूं, लेकिन मैं इस बात से भी बहुत नाखुश हूं कि इजराइल ने आज सुबह फिर हमला किया।”

ट्रंप ने कहा, “हम मूल रूप से दो देश हैं जो इतने लंबे समय से और इतनी कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं कि उन्हें पता ही नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं।”

इसके बाद राष्ट्रपति ने अपने ट्रुथ सोशल मंच पर इजराइल को हमले बंद करने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, “इजराइल। उन बमों को मत गिराओ। अगर तुम ऐसा करते हो, तो यह एक बड़ा उल्लंघन होगा। अपने पायलटों को अभी वापस बुलाओ!”

यूक्रेन में रूसी हमलों में 13 लोगों की मौत, 100 अन्य घायल

रूस ने यूक्रेन में ड्रोन, मिसाइलों और तोप के जरिये हमले किए, जिसमें कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के आक्रमण को रोकने के अपने देश के प्रयासों के लिए पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता की गारंटी मांगी।

रूसी सेना ने पूरे युद्ध के दौरान यूक्रेन के नागरिक क्षेत्रों पर लगातार बमबारी की है। यह इस युद्ध का चौथा वर्ष है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 12,000 से अधिक यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन ने रूस के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन भी दागे हैं।

जेलेंस्की मंगलवार को नीदरलैंड के हेग में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले पश्चिमी नेताओं से मिलने वाले थे।

जेलेंस्की रूस की विशाल सेना के खिलाफ यूक्रेन की लड़ाई के लिए अतिरिक्त सैन्य सहायता प्राप्त करने के इच्छुक हैं। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच संभावित समझौते को लेकर हाल में हुई शांति वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकला है।

ईरान और इजराइल के बीच लड़ाई से पश्चिम एशिया में रूस के प्रभाव पर उठ रहे हैं सवाल

जब इस सप्ताहांत अमेरिका ने इजराइल के साथ मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया, तो रूस ने भी इसकी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने कहा कि वाशिंगटन "भानुमति का पिटारा" खोल रहा है, और तेहरान के शीर्ष राजनयिक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से समर्थन मांगने के लिए क्रेमलिन पहुंचे।

मगर सोमवार को ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची के साथ अपनी बैठक में पुतिन ने हमलों की निंदा करते हुए इसे “बिना किसी आधार या औचित्य के अकारण किया गया हमला” बताया।

विश्लेषकों का कहना है कि बिना किसी प्रत्यक्ष सैन्य सहायता के जबानी प्रतिक्रिया से ईरान को निराशा हो सकती है और यह पश्चिम एशिया में रूस के घटते प्रभाव को दर्शाता है, जहां वह सीरिया में बशर अल असद की सत्ता जाने के बाद एक महत्वपूर्ण सहयोगी खो चुका है और एक नाजुक कूटनीतिक संतुलन की कोशिश कर रहा है।

इसके बजाय मास्को ईरान-इजराइल युद्ध से कुछ अल्पकालिक लाभ प्राप्त कर सकता है, जैसे कि तेल की कीमतों में वृद्धि, जिससे रूस की डूबती अर्थव्यवस्था को मदद मिले या यूक्रेन में तीन साल से जारी युद्ध से विश्व का ध्यान हटाना।

जनवरी 2025 में रूस और ईरान ने आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।

थिंकटैंक ‘चैथम हाउस’ में पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम के वरिष्ठ अनुसंधान फेलो रेनाद मंसूर ने कहा कि सीरिया में असद को हटाने और हिजबुल्ला के कमजोर होने के बीच क्षेत्रीय सहयोगियों को खोने के बाद यह समझौता किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ईरान रूस पर निर्भर रहना चाहता था।’’

मंसूर ने कहा, "मुझे लगता है कि ईरान के दृष्टिकोण से, रूस द्वारा समर्थन देने की इच्छा को लेकर कुछ निराशा हुई है। उन्हें अब लग रहा है कि जब हम इजराइल और अमेरिका जैसे विशाल देश का सामना कर रहे हैं, तो रूस वास्तव में आगे नहीं आ रहा है।"

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को इस दावे का खंडन किया कि मास्को ने तेहरान को सार्थक समर्थन नहीं दिया है।

रूस केवल ईरानी मांगों को ही संतुलित नहीं कर रहा है। रूस इजराइल के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। दोनों देशों की सेनाएं सीरिया में सक्रिय हैं, और वे सीधे टकराव से बचने के लिए संपर्क बनाए रखने में सावधान रहे हैं।

इजराइल यूक्रेन युद्ध के दौरान काफी हद तक तटस्थ रहा है, क्योंकि वह रूस को नाराज़ करने से बचना चाहता है- विशेष रूप से इसलिए कि रूस में यहूदी आबादी बड़ी संख्या में है।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि मास्को संघर्ष को सुलझाने में मदद करने के लिए तैयार है, लेकिन मध्यस्थ की भूमिका नहीं निभाएगा।

सीरिया में रूस की सैन्य मदद के बावजूद असद सरकार के गिरने की पृष्ठभूमि में मंसूर ने कहा, “आप लड़ाई हार सकते हैं, आप सहयोगी खो सकते हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि रूस पश्चिम एशिया में अपना प्रभाव बनाए रखेगा, जिसमें सीरिया भी शामिल है, जहां वह पहले से ही नई सरकार के साथ बातचीत कर रहा है।”

ट्रंप से बात करने के बाद ईरान के खिलाफ भीषण हमले को टाला : नेतन्याहू

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने के बाद ईरान के खिलाफ भीषण हमले को टाल दिया है।

नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजराइल ने मंगलवार तड़के ईरानी मिसाइल हमले के जवाब में एक ईरानी रडार को निशाना बनाया।

उसने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ राष्ट्रपति ट्रंप की बातचीत के बाद, इजराइल ने अतिरिक्त हमले नहीं किए।’’

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