महायुद्ध के खतरों को लेकर कितना तैयार है भारत, कितनी पुख्ता है मिलिट्री पावर?
TV9 Bharatvarsh June 25, 2025 12:42 PM

मिडिल ईस्ट से लेकर यूरोप की हवा में बारूद की गंध घुली हुई है. ईरान-इजराइल आमने-सामने हैं. इजराइल हमास से भी लड़ रहा है. रूस-यूक्रेन भी लड़ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर भारत की सैन्य शक्ति कितनी पुख्ता है? दुनिया के मानचित्र पर छाए महायुद्ध के खतरों को लेकर भारतीय सेना कितनी तैयार है? तो इसका जवाब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने देख लिया लेकिन मोदी सरकार यहीं नहीं रुकी. बल्कि आत्मनिर्भर भारत के तहत भारतीय सेना के सैन्य क्षमताओं को स्वदेशी हथियारों के माध्यम से और भी मजबूत करने में लगी है. टैंक, मिसाइल, ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम, अपग्रेडेड राइफल्स साथ ही एडवांस टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारतीय सेना को अभेद्द बना रही है.

जिस तरीके से केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत देश की सैन्य सुरक्षा का स्वदेशीकरण किया है, उसे मजबूत करने के लिए फैसले लिए हैं, उसी का नतीजा है कि आज की तारीख में भारत का डिफेंस सेक्टर वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है. आइए जानते हैं कि इन 11 सालों में मोदी सरकार ने आत्मनिर्भरता के मंत्र को कैसे साधा और वो कौन-कौन से फैसले हैं जिससे भारत की ताकत में इजाफा हो रहा है.

सैन्य जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम

आज सैन्य जरूरतों के लिए भारत की विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है. हम डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर हो रहे हैं. भारत वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वास करता है लेकिन जब बात उसकी सीमा की सुरक्षा की आ जाए तो फिर दुश्मनों को ऐसा जवाब देता है, जिसकी कल्पना से ही उनके रूह कांप जाती है. रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं.

आज की तारीख में दुनिया भर के देशों के बीच अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की होड़ मची है. ऐसे में भारत भी अपनी सैन्य क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा कर रहा है. अपनी ताकत का लोहा पूरी दुनिया को दिखा रहा है, जिसकी एक झलक ऑपरेशन सिंदुर के दौरान देखने को मिली. जब मात्र 22 सेकेंड में दुश्मन देश पाकिस्तान और उसके आतंकी घुटनों पर आ गए.

भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि उसकी सैन्य शक्ति के आगे दुश्मन कैसे घुटने टेकने को मजबूर हो जाता है. कैसे आत्मनिर्भर भारत के हौसलों के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक हो चुकी है. पिछले 1 दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार देश की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और उसे आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में अब जब दुनिया पर एटमी जंग का खतरा मंडराने लगा है तो भारत तेजी से मेक इन इंडिया के तर्ज पर हथियारों का निर्माण कर रहा है.

रॉकेट फोर्स को और मजबूत करने का फैसला

इसी कड़ी में अब भारतीय सेना ने अपनी रॉकेट फोर्स को और मजबूत करने का फैसला किया है. भारतीय सेना के जंगी बेड़े में अब एक ऐसा हथियार की रेजीमेंट को बढ़ाया जा रहा है जिससे दुश्मन खौफ खाते हैं. इसका नाम है पिनाका रॉकेट सिस्टम. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने मीडियम रेंज वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया, क्योंकि पाकिस्तान की दूरी भारत से कम थी.

मगर, भविष्य में ऐसे हालात भी बन सकते हैं जब चीन जैसे किसी दूर के पड़ोसी से तनातनी हो जाए. इसके लिए भारत अभी से अपने लॉन्ग रेंज वाले हथियारों को तेजी से विकसित कर रहा है. भारतीय सेना ने अपने लॉंग रेंज मल्टी बैरल रॉकेट की ताकत को स्वदेशी तरीके से बढ़ाना शुरू कर दिया है. खबरों की मानें तो भारत ने पिनाका के रेजिमेंट को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसे अब 4 से 10 रेजीमेंट तक किया जाएगा.

फिलहाल पुरानी 120 MM मोर्टार लाइट रेजिमेंट को ही पिनाका रेजिमेंट में बदला जाएगा. माना जा रहा है कि आने वाले 2 सालों में भारतीय सेना के पास पिनाका की 10 रेजिमेंट होगी. सेना का प्लान है कि उसके पास कुल 25 पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर हों. इस दिशा में मेक इन इंडिया के तर्ज पर तेजी से काम किया जा रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ये तो तय हो गया की भविष्य में युद्ध जमीन से पहले हवा या आसमान में लड़े जाएंगे.

रॉकेट लॉन्चर पिनाका की पावर में इजाफा

अब रॉकेट, मिसाइल, ड्रोन, यूएवी और लॉयटरिंग एम्यूनेशन का जमाना है. हथियार कितने मजबूत होंगे, ये बात जीत के पैमाने तय करेगी. यही वजह है कि भारत अपने स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका की पावर में लगातार इजाफा करता जा रहा है. दरअसल शिव के धनुष का नाम पिनाका था. उसी नाम के आधार पर DRDO ने पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को तैयार किया है. इसका सक्सेस रेट ही इससे दूसरों से अलग बनाता है.

पिनाका मिसाइल की मारक क्षमता 40 से 65 KM तक है. पिनाका 44 सेकंड के भीतर 12 मिसाइलें दाग सकती है. हर मिसाइल अपने साथ 250 किलो बारूद बरसा सकती है. पिनाका में एडवांस नेवीगेशन व कंट्रोल सिस्टम लगा है. पिनाका अपने टारगेट पर एकदम सटीक निशाना लगाती है. पिनाका के दो वर्जन मार्क-1 और मार्क-2 तैयार कर लिए गए है. वहीं मार्क-3 पर काम तेजी से चल रहा है.

सिर्फ पिनाका ही नहीं देश की मोदी सरकार का रुख आतंकवाद को लेकर भी स्पष्ट है. ऐसे में मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सेना की क्षमता को और मजबूती देने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाते हुए 1,981 करोड़ रुपये से ज्यादा के 13 रक्षा समझौते किए हैं. ये सौदे आपातकालीन खरीद तंत्र के तहत किए गए हैं. ताकि सीमापार आतंकवाद से निपटने के लिए सेना की तैयारियों को मजबूत किया जा सके.

ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष
© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.