PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के तहत देश के 11 करोड़ से अधिक किसानों को हर साल ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो कि ₹2,000 की तीन बराबर किस्तों में किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है. अब सभी की नजर 20वीं किस्त पर टिकी है, जिसकी आधिकारिक तिथि का अभी तक ऐलान नहीं हुआ है.
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम किसान योजना की अगली किस्त जून के आखिरी हफ्ते या जुलाई 2025 की शुरुआत में जारी की जा सकती है. पूर्व की परंपरा को देखते हुए, ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई की शुरुआत में 20वीं किस्त जारी कर सकते हैं.
यदि आप इस योजना के लाभार्थी हैं, तो आपकी अगली किस्त किसी भी कारण से अटक न जाए, इसके लिए आपको कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी.
सरकार की ओर से पीएम किसान की राशि DBT (Direct Benefit Transfer) प्रणाली के जरिए ट्रांसफर की जाती है, जिसमें आधार से बैंक खाता लिंक होना जरूरी है. अगर आपका खाता अभी तक आधार से लिंक नहीं है, तो तुरंत अपने बैंक या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इसे अपडेट कराएं, वरना भुगतान फेल हो सकता है.
ई-केवाईसी (e-KYC) इस योजना के तहत हर लाभार्थी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, तो आपका नाम लाभार्थी सूची से हटाया जा सकता है.
ई-केवाईसी के तीन ऑप्शन हैं:
पीएम किसान योजना भूमि स्वामित्व पर आधारित है. अगर आपकी जमीन से जुड़े दस्तावेज राज्य राजस्व विभाग से सत्यापित नहीं हैं या अपडेट नहीं हैं, तो आपकी अगली किस्त रोक दी जा सकती है.
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार समेत कई राज्यों ने डिजिटल भूमि सत्यापन अभियान शुरू किया है. सुनिश्चित करें कि आपकी जमीन की जानकारी आपके आधार और किसान ID से लिंक है.
पीएम किसान पोर्टल पर जाकर आप यह जांच सकते हैं कि आपका आवेदन स्वीकृत है या नहीं.
किस्त में थोड़ी देरी इसलिए हो रही है क्योंकि सरकार अभी भूमि रिकॉर्ड वेरिफिकेशन और ई-केवाईसी डेटा की समीक्षा कर रही है. कई राज्यों में अब भी कुछ किसानों का डेटा अधूरा है, जिसकी वजह से भुगतान प्रक्रिया धीरे चल रही है.
अगर जुलाई की शुरुआत तक आपकी किस्त नहीं आती है, तो सबसे पहले पोर्टल पर जाकर आवेदन की स्थिति जांचें. अगर सब कुछ ठीक है और फिर भी भुगतान नहीं हुआ है, तो राज्य कृषि विभाग या हेल्पलाइन नंबर 155261 पर संपर्क करें.