अब मकान मालिक की नहीं चलेगी! किरायेदारों के 5 पावरफुल अधिकार :Tenant Rights
Rahul Mishra (CEO) June 26, 2025 11:34 AM

किरायेदार अधिकार:भारत में करोड़ों लोग किराए के मकानों में रहते हैं, लेकिन बहुत कम लोग अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं। मकान मालिक कई बार अपनी मनमानी करने की कोशिश करते हैं – जैसे अचानक किराया बढ़ा देना, बिना सूचना के घर खाली करवाना या सिक्योरिटी डिपॉजिट रोक लेना। लेकिन भारतीय कानून किरायेदारों को इन सभी मामलों में सुरक्षा देता है। आइए जानते हैं किरायेदारों के 5 सबसे जरूरी अधिकारों के बारे में।

1। बिना नोटिस के घर खाली करवाना गैरकानूनी है

अगर आप किराए पर रह रहे हैं, तो मकान मालिक आपको बिना सूचना के घर खाली करने को नहीं कह सकता। भारतीय कानून के अनुसार:

लाभ: इससे आप मानसिक रूप से सुरक्षित रहते हैं और मकान मालिक आपको डरा नहीं सकता।

2। हर किरायेदार को लिखित Rent Agreement का अधिकार

मौखिक समझौते पर रहना खतरनाक हो सकता है। हमेशा एक लिखित रेंट एग्रीमेंट बनवाएं, जिसमें ये बातें स्पष्ट हों:

लाभ: किसी भी विवाद की स्थिति में यह एग्रीमेंट कोर्ट में आपका सबसे मजबूत सबूत बन सकता है।

3। प्राइवेसी का पूरा अधिकार – कोई दखल नहीं

कई मकान मालिक बिना बताए घर में आ जाते हैं या आपकी गतिविधियों पर नजर रखते हैं, लेकिन यह आपकी निजता का उल्लंघन है। कानून के अनुसार:

लाभ: आप अपने किराए के घर में पूरी स्वतंत्रता और सम्मान के साथ रह सकते हैं।

4। किराया मनमर्जी से नहीं बढ़ाया जा सकता

अक्सर मकान मालिक एक साल बाद अचानक किराया बढ़ा देते हैं। लेकिन कानूनी रूप से किराया तभी बढ़ सकता है जब:

लाभ: इससे आपकी जेब पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ता और आप आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हैं।

5। सिक्योरिटी डिपॉजिट की वापसी का अधिकार

जब आप मकान खाली करते हैं, तो मकान मालिक को आपकी दी गई सिक्योरिटी डिपॉजिट पूरी राशि लौटानी होती है – अगर आपने कोई नुकसान नहीं किया है तो।

लाभ: आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहती है।

कुछ जरूरी सुझाव हर किरायेदार के लिए

  • हमेशा लिखित रेंट एग्रीमेंट बनवाएं और एक कॉपी अपने पास रखें।

  • हर महीने का किराया देने का रिकॉर्ड रखें – रसीद या ऑनलाइन पेमेंट का स्क्रीनशॉट।

  • घर में रहने से पहले और निकलते समय फोटो या वीडियो ज़रूर लें।

  • मकान मालिक की मनमानी की स्थिति में किराया नियंत्रण प्राधिकारी से शिकायत करें।

रेंट कंट्रोल एक्ट क्या है?

किराया नियंत्रण अधिनियम एक राज्य-स्तरीय कानून है जो मकान मालिक और किरायेदार के बीच संतुलन बनाए रखता है। इसका मुख्य उद्देश्य है:

हर राज्य में इसके नियम थोड़े अलग हो सकते हैं, लेकिन उद्देश्य एक ही है – किरायेदारों की सुरक्षा।

अब वक्त आ गया है कि किरायेदार अपने कानूनी अधिकारों को जानें और उनका सही इस्तेमाल करें। मकान मालिक की हर बात मानना आपकी मजबूरी नहीं है। कानून आपके साथ है – बस आपको उसे समझने और लागू करने की जरूरत है

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