स्कूल फिर से खोलना: देश के कई हिस्सों में गर्मियों की छुट्टियों का दौर अभी भी जारी है. कुछ राज्यों में स्कूल दोबारा खुल चुके हैं, लेकिन उत्तर भारत समेत कुछ क्षेत्रों में तेज गर्मी और मानसून की स्थिति को देखते हुए अब भी छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है. आइए विस्तार से जानते हैं किन राज्यों में स्कूल कब तक बंद रहेंगे और कब से कक्षाएं फिर से शुरू होंगी.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों में गर्मी कुछ हद तक कम हो गई है, इसलिए यहां पर 15 जून 2025 से स्कूल दोबारा खुल चुके हैं. छात्रों की नियमित कक्षाएं शुरू हो गई हैं और शिक्षा व्यवस्था सामान्य हो रही है. इन राज्यों में समर वेकेशन समय पर समाप्त कर दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों सहित सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 30 जून 2025 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है. कक्षाएं 1 जुलाई से पुनः आरंभ होंगी. यह फैसला बेसिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर लिया गया है.
वहीं, दिल्ली में भी गर्मी की छुट्टियां 11 मई से चल रही हैं, जो कि 30 जून तक जारी रहेंगी. हालांकि, शिक्षकों को 28 जून से रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है ताकि वे नए सत्र की तैयारी कर सकें.
इस बार जम्मू-कश्मीर में भी गर्मी का प्रभाव गहरा पड़ा है. इसलिए यहां के सभी सरकारी और निजी स्कूल (उच्चतर माध्यमिक स्तर तक) 7 जुलाई 2025 तक बंद रहेंगे. यह निर्णय छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
श्रीनगर नगर पालिका क्षेत्र के अंदर स्थित स्कूलों का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और बाहरी क्षेत्रों के स्कूलों का समय सुबह 8:30 से दोपहर 1:30 बजे तक निर्धारित किया गया है. इससे छात्रों को दोपहर की तेज धूप से राहत मिल सकेगी.
हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में भी गर्मी की तीव्रता को देखते हुए 30 जून तक अवकाश घोषित किया गया है. सभी सरकारी और निजी स्कूल 1 जुलाई से दोबारा खुलेंगे, बशर्ते मौसम सामान्य रहा.
देश के अलग-अलग हिस्सों में गर्मी का प्रभाव अलग-अलग स्तर पर देखा जा रहा है. जहां कहीं मानसून की दस्तक हो चुकी है, वहीं कई राज्य अब भी तेज धूप और लू की चपेट में हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों ने छुट्टियों की अवधि तय की है ताकि बच्चों की सेहत पर असर न पड़े.
इन छुट्टियों का समय बच्चों के लिए विकास और रचनात्मकता का होता है. कई बच्चे समर क्लासेस, कोचिंग, डांस या आर्ट क्लासेस जॉइन करते हैं, तो कुछ घूमने या नाना-नानी के घर चले जाते हैं. यही कारण है कि छुट्टियों के बढ़ने से बच्चे और अभिभावक दोनों खुश नजर आ रहे हैं.
राज्य सरकारों द्वारा लिया गया यह फैसला दर्शाता है कि अब शिक्षा और स्वास्थ्य को एकसाथ महत्व दिया जा रहा है. प्रशासन इस बात को समझ रहा है कि बच्चों के लिए शिक्षा के साथ-साथ उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है.