अजमेर रेलवे स्टेशन से लापता हुई युवती को जीआरपी-आरपीएफ ने नई दिल्ली से बरामद कर लिया। पुलिस जांच में पता चला कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रील बनाने पर परिजनों ने आपत्ति जताई तो वह नाराज होकर दूसरी ट्रेन में सवार हो गई। पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया। सीओ राम अवतार चौधरी ने बताया कि 23 जून को शाम 4 बजे जयपुर निवासी एक युवक अपने परिवार के साथ दरगाह जियारत करने आया था। जियारत के बाद वह वापस जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा। वह जनरल टिकट लेकर प्लेटफार्म नंबर 2-3 पर खड़ा था। कुछ देर बाद उसकी नाबालिग बेटी नहीं दिखी। सीसीटीवी फुटेज देखने पर वह अजमेर-आगरा फोर्ट ट्रेन में चढ़ती नजर आई। 24 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई।
नाबालिग दिल्ली में मिली
नाबालिग की तलाश के लिए गठित टीम ने आरपीएफ कंट्रोल रूम से राजस्थान समेत अन्य राज्यों के स्टेशनों पर सूचना भेजी। सीसीटीवी में युवती आगरा फोर्ट ट्रेन में चढ़ती नजर आई। जीआरपी-आरपीएफ की टीम जयपुर, आगरा, दिल्ली के लिए रवाना हुई। यात्रा के दौरान पता चला कि युवती के पास मोबाइल है। मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने पर वह नई दिल्ली स्टेशन पर आई। सूचना मिलने पर नई दिल्ली आरपीएफ और दिल्ली पुलिस की मदद से लड़की को रेलवे स्टेशन से बरामद किया गया। लड़की को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया, लेकिन उसने मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया। लड़की को सीडब्ल्यूसी सदस्य और चाइल्ड हेल्पलाइन की मौजूदगी में उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
नाबालिग ने दर्ज कराया अपना बयान
नारीशाला में न्यायिक अधिकारी के समक्ष दिए बयान में लड़की ने बताया कि वह 23 जून को अपने परिजनों के साथ अजमेर आई थी। उसे सोशल मीडिया पर रील बनाने का शौक है। जिससे उसके माता-पिता भी नाराज रहते हैं। इससे वह अपने परिजनों और माता-पिता से नाराज थी। जयपुर लौटते समय वह जयपुर की जगह दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठ गई। सीडब्ल्यूसी ने लड़की को उसके परिजनों को सौंप दिया।