बिहार में चुनावी प्रक्रिया में तकनीक के इस्तेमाल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह राज्य अब भारत का पहला ऐसा क्षेत्र बनने जा रहा है, जहां मतदाता अपने मोबाइल फोन के जरिए मतदान कर सकेंगे। राज्य चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने इस पहल की जानकारी शुक्रवार को दी। यह घोषणा पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण की छह नगर परिषदों में होने वाले मतदान से पहले की गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस प्रणाली को लागू किया जाएगा या नहीं।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि यह सुविधा विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी, जो मतदान केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इसमें बुजुर्ग, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं और अन्य राज्यों में रहने वाले मतदाता शामिल हैं। इन मतदाताओं को अपने मोबाइल में 'E-SECBHR' नामक एक विशेष ऐप इंस्टॉल करना होगा और अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर को मतदाता सूची से लिंक करना होगा। यह ऐप फिलहाल केवल एंड्रॉयड डिवाइस पर उपलब्ध है।
मोबाइल से मतदान के संबंध में सबसे बड़ा प्रश्न इसकी सुरक्षा और पारदर्शिता है। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि इस प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए कई तकनीकी उपाय किए गए हैं। उदाहरण के लिए, एक मोबाइल नंबर से केवल दो मतदाता ही लॉग इन कर सकते हैं। इसके अलावा, पहचान की पुष्टि के लिए फेस रिकग्निशन, स्कैनिंग और आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों का मिलान किया जाएगा।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि अब तक लगभग 10,000 लोगों ने ई-वोटिंग के लिए पंजीकरण कराया है और अनुमान है कि करीब 50,000 मतदाता इस तकनीक का उपयोग करेंगे। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, वे राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट के माध्यम से भी ऑनलाइन मतदान कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने बताया कि इस प्रणाली में ब्लॉकचेन तकनीक, फेस मैचिंग और ऑडिट ट्रेल जैसी उन्नत सुविधाएं शामिल की गई हैं, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और छेड़छाड़ से मुक्त हो सके। ऑडिट ट्रेल प्रणाली उसी तरह काम करेगी जैसे वीवीपैट मशीन, जिससे मतदान प्रक्रिया की जांच संभव होगी।