हमारे बड़े बुजुर्गों से यह सुनते आए हैं कि हमें हमेशा साधारण भोजन करना चाहिए और मसालेदार खाने से बचना चाहिए। यह माना जाता है कि तीखा खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। हमने विभिन्न मीडिया स्रोतों से भी यही जानकारी प्राप्त की है कि मसालेदार भोजन से बीमारियों से बचा जा सकता है। हालांकि, जब हम बाहर होते हैं और हमें चटपटी चाट, गोल गप्पे, समोसे या अन्य मसालेदार व्यंजन मिलते हैं, तो हम खुद को रोक नहीं पाते और उन्हें खा लेते हैं।
खाने के बाद अक्सर यह सोचते हैं कि बस इस बार थोड़ा सा खा लूँ, फिर नहीं खाऊंगा। लेकिन एक अच्छी खबर है: यदि आप सीमित मात्रा में मसालेदार भोजन का सेवन करते हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।
विज्ञान और आयुर्वेद दोनों इस बात की पुष्टि करते हैं कि यदि आपके भोजन में इलायची, दालचीनी, हल्दी, लहसुन, अदरक और मिर्च जैसे मसाले सही मात्रा में हैं, तो ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
दालचीनी, जीरा और हल्दी जैसे मसालों में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ये शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं और नियमित सेवन से संक्रमण से बचा जा सकता है।
मसालेदार मिर्च में कैप्सेसिन नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक होता है। शोध में यह पाया गया है कि कैप्सेसिन ने प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं के फैलाव को रोक दिया है।
लहसुन, अदरक और हल्दी जैसे मसालों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। इनका उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। ये मसाले इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं और शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
तीखा भोजन खाने से सेरोटोनिन हार्मोन का स्राव होता है, जो तनाव और अवसाद को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, मसालेदार भोजन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।