दुनियाभर के अलग-अलग देशों में कई तरह के मशरूम की प्रजातियां मिल जाती हैं, वहीं भारत में भी मशरूम के कुछ टाइप्स पाए जाते हैं, लेकिन हमारे यहां सबसे आम जो मशरूम खाते हैं वो है वाइट बटन मशरूम. ये बाजारों में बहुत ही आसानी से मिल जाता है और इसलिए इसे ही ज्यादातर लोग खाते हैं. चलिए जान लेते हैं बाकी मशरूम के टाइप्स के नाम.
चैंटरेल मशरूम खासतौर पर उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका के अलावा यूरोप में भी पाया जाता है. ये मशरूम पेड़ों की जड़ों के पास उगते हैं, इसलिए जंगलों में काफी पाए जाते हैं, खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में ये आमतौर पर बारिश के बाद उग जाते हैं. ये यलो या फिर ऑरेंज कलर में होते हैं.
इनोकी मशरूम का ऊपरी हिस्सा देखने में थोड़ा छोटा होता है और इसकी बनावट हल्की क्रंची होती है. स्वाद में लाइट मिठास लिए ये मशरूम कई एंटीऑक्सीडेंट्स का भी सोर्स है. ये खासतौर पर जापान और कोरिया में पाया जाता है और ये सड़ी हुई लकड़ी पर उगाया जाता है.
Goat Lip, Mushroom
किंग बोलेट मशरूम को पाइन बोलेट या पाइनवुड किंग बोलेट या पोर्सिनी मशरूम के नाम से भी जानते हैं. ये मशरूम हरियाली भरे जंगलों में पाया जाता है. दक्षिणी अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया में इसे काफी खाया जाता है, हालांकि ये मुख्य रूप से यहां पर नहीं मिलता है. इस तरह से मशरूम के दुनियाभर में कई टाइप्स हैं.
मात्सूटके मशरूम पूर्वी एशिया के अलावा उत्तरी यूरोप के देवदार के जंगलों में काफी पाया जाता है. इस मशरूम को पाइन मशरूम के नाम से भी जानते हैं. देखने में ये भूर रंग के धब्बों वाला वाइट कलर लिए होता है तो वहीं इसकी गंध सौंधी मिट्टी जैसी होती है. ये खासतौर पर जापान में बहुत खास माना जाता है.
आयस्टर मशरूम यूरोप, एशिया, उत्तरी अमेरिका समेत कई देशों में पाया जाता है. खासतौर पर ये समशीतोष्ण और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादा उगता है. ये खासतौर पर पेड़ों के ऊपर और आसपास में पनपने वाला मशरूम है. इसे सीप मशरूम के नाम से भी जाना जाता है. लोग व्यावसायिक रूप से इसकी खेती भी करते हैं.
शिटाके मशरूम पूर्वी एशिया का माना जाता है. इस मशरूम की खासियत ये है कि मिट्टी की बजाय ये लकड़ी पर उगता है. इस मशरूम को चीन में काफी ज्यादा खाया जाता है. इसे फ्रेश या फिर सुखाकर भी अलग-अलग व्यंजनों में यूज किया जा सकता है.