ओडिशा के पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं. रथ को आज भी बिल्कुल पारंपरिक रूप से बनाया जाता है और इसे खींचने के लिए खास तरह से बनी रस्सियों का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान पुरी के नजारे और वातावरण अद्भुत हो जाते हैं. ये यात्रा विश्वभर में प्रसिद्ध है. भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और छोटे भाई बालभद्र के साथ मौसी के यहां पहुंचते हैं, जिसे गुंडिचा मंदिर कहा जाता है. यहां पर उन्हें भगवान की तरह नहीं बल्कि बच्चों की तरह ट्रीट किया जाता है और पोड़ा पीठा ओडिशा की पारंपरिक मिठाई खिलाई जाती है. जगन्नाथ यात्रा में नहीं पहुंच पाए हैं तो घर पर ये मिठाई बनाकर आप भोग लगा सकते हैं.
पोड़ा पीठा एक तरह का केक होता है, जिसे बहुत ही धैर्य के साथ हल्की आंच पर पकाकर तैयार किया जाता है. ये खास राजा महोत्सव के मौके पर भी बनाया जाता है. पोड़ा का मतलब थोड़ा जला हुआ (इसका निचला हिस्सा थोड़ा सा जला हुआ होता है जो स्मोकी फ्लेवर देता है) और पीठा का मतलब होता है केक जैसा. चलिए इसे बनाने की ट्रेडिशनल रेसिपी जान लेते हैं.
पोड़ा पीठा के इनग्रेडिएंट्स
ट्रे़डिशनल पोड़ा पीठा बनाने के लिए दो कप चावल लें और मिठास के लिए इसका आधा यानी एक कप गुड़ चाहिए होगा. इसके अलावा अदरक का टुकड़ा छोटा सा तकरीबन एक इंच का, आधा चम्मच हरी इलायची का पाउडर, आधा छोटा चम्मच काली मिर्च दरदरी क्रश की हुई, 3 से 4 बड़े चम्मच देसी घी, आधा कप किशमिश और काजू चाहिए होंगे. इसके अलावा आपको 2 केले के पत्तों की जरूरत होगी. कच्चा नारियल चाहिए होगा और दो चम्मच नमक. चलिए बनाने का तरीका जान लेते हैं.
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पोड़ा पीठा बनाने के लिए चावलों को धोकर 2 से 3 घंटे तक भिगोकर रखने के बाद पानी से निकाल लें और दरदरा पीस लेना है. नारियल को काटकर रख लें, किशमिश, काजु को भी छोटे टुकड़ों में तोड़ लें. गुड़ को भी चाकू की मदद से काट लें या फिर किसी चीज की मदद से क्रश कर लें. सारी सामग्री को साथ में ही रखें ताकि मिठाई तैयार करते वर्क परेशान न होना पड़े.
पोड़ा पीठा जनतानीसबसे पहले एक कड़ाही में गुड़ को पिघला लें. जब सारी गांठ बिल्कुल खत्म हो जाएं तो इसमें धीरे-धीरे पानी डालते हुए चलाते रहें, ताकि बिल्कुल भी लंप्स न पड़ें. जब ये इसमें उबाल आने लगे तो किशमिश, कटा हुआ नारियल, काजू, कद्दूकस की हुई अदरक, काली मिर्च, इलायची और नमक एड करें. इसे कुछ देर पकाएं, जिसके बाद चावल के पेस्ट को इसमें डालें, लेकिन इस दौरान बहुत ही सावधानी बरतनी है, बिल्कुल भी गांठें नहीं पड़नी चाहिए. इसलिए चलाते हुए अच्छी तरह से मिलाएं और फिर जब मिश्रण पुरी तरह से पक जाए यान पोडा पीठा जनतानी की प्रक्रिया पूरी हो जाए तो अब इसके फाइनल स्टेप की तरफ बड़े यानी अब इस स्टेज के बाद इसका पीठा तैयार करना है.
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ऐसे बनाएं पीठा
केले के पत्तों में देसी घी लगाएं और फिर एक पत्ते को मोटे तले की कड़ाही में रखें. तैयार किया गया मिश्रण इस पत्ते में फैलाकर सेट कर दें. अब दूसरे पत्ते से इसे लपेटते हुए पूरा सील कर दें. ट्रेडिशनली इसे पका रहे हैं तो कोयले की अंगीठी की हल्की आंच पर इस कड़ाही को चढ़ा दें और पकने दें. वहीं इसे आप गैस पर भी तैयार कर सकते हैं. पोड़ा पीठा को पकने में तकरीबन एक घंटे से भी ज्यादा वक्त लगता है. इसके बाद चाकू से चेक करके देखें. मिश्रण चिपक न रहा हो तो आपका पोड़ा पीठा तैयार हो जाएगा. जिसे पत्तों से निकालकर अपने मन मुताबिक आकार में काटकर भोग लगाएं और फिर सभी को प्रसाद सर्व करें.