पंजाब हैवी रेन अलर्ट: पंजाब में मानसून की शुरुआत ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी है, लेकिन साथ ही मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए चेतावनी भी जारी की है. विभाग ने 28 जून से लेकर 3 जुलाई 2025 तक राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. इस दौरान बिजली चमकने, तेज हवाओं और तूफान की आशंका भी जताई गई है.
मौसम विभाग के अनुसार, 28 जून से 3 जुलाई तक पंजाब में खराब मौसम का दौर जारी रहेगा. यह समय सामान्य बारिश से अलग होगा क्योंकि कई जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है.
28 जून को रूपनगर, मोहाली (SAS नगर), फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, नवांशहर (SBS नगर), लुधियाना, संगरूर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, मोगा, फरीदकोट, बरनाला, मानसा और बठिंडा जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना है.
इन जिलों में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है, खासकर उन स्थानों पर जहां जलभराव या तूफानी स्थिति का खतरा है.
29 जून को संगरूर, पटियाला, पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर, लुधियाना, बरनाला, मानसा, रूपनगर, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब में भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी दी गई है. किसानों और यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है.
मौसम विभाग के अनुसार, 30 जून, 1, 2 और 3 जुलाई को भी पंजाब के अधिकतर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. इस अवधि में बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की घटनाएं भी सामने आ सकती हैं.
हालांकि मानसून की बारिश ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन लगातार बारिश से जलभराव, यातायात बाधा और बिजली आपूर्ति में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. खासकर निचले क्षेत्रों, खेतों और कच्चे मकानों वाले इलाकों में खतरा अधिक बढ़ जाता है.
मौसम विभाग ने लोगों को खुले मैदानों, बिजली के खंभों, पेड़ों के नीचे और जल स्रोतों से दूर रहने की सलाह दी है. मोबाइल का उपयोग, छतों पर टहलना या खेतों में कार्य करना इस दौरान खतरनाक हो सकता है.
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट मोड में रखा है. साथ ही NDRF और SDRF टीमें भी कुछ संवेदनशील जिलों में तैयार रखी गई हैं.
लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की ताजा चेतावनियों पर नजर रखें और कोई भी जोखिम भरा कदम न उठाएं.
जो लोग लंबी दूरी की यात्रा पर निकलने की सोच रहे हैं, उन्हें फिलहाल कुछ दिनों तक योजना टालने की सलाह दी जा रही है. वहीं, किसानों को बारिश से फसल को बचाने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. जलभराव की स्थिति में धान की रोपाई या अन्य खेती कार्यों में देर हो सकती है.