IMD क्लाउड रेन टेस्ट: दिल्ली की बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक ऐतिहासिक और तकनीकी प्रयोग की शुरुआत की है. राजधानी में पहली बार कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) कराने की योजना तैयार की गई है. इस प्रयोग का उद्देश्य है कि प्रदूषण के स्तर को कम कर नागरिकों को साफ हवा उपलब्ध कराई जा सके.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को जानकारी दी कि कृत्रिम वर्षा के लिए 4 से 11 जुलाई 2025 के बीच मौसम अनुकूल रहने की स्थिति में रसायनों का छिड़काव किया जाएगा.
मंत्री सिरसा ने बताया कि नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) को एक प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें मांग की गई है कि यदि मौसम प्रतिकूल होता है, तो वैकल्पिक तिथि उपलब्ध कराई जाए ताकि बाद में इस योजना को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके.
सिरसा ने कहा कि यह दिल्ली में शहरी प्रदूषण नियंत्रण के लिए अब तक की सबसे अग्रगामी पहल है. यह पूरी योजना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में लागू की जा रही है.
उन्होंने कहा, “हर नागरिक को स्वच्छ हवा मिलना उसका मौलिक अधिकार है. हम कृत्रिम बारिश के ज़रिए इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रहे हैं.”
पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि भाजपा और केंद्र सरकार ने कृत्रिम बारिश के प्रस्ताव को नजरअंदाज किया और उसका मजाक उड़ाया.
इसके जवाब में सिरसा ने कहा, “हमने न केवल MoU पर हस्ताक्षर किए बल्कि IIT कानपुर को भुगतान भी किया और सभी जरूरी अनुमोदन प्राप्त किए. केवल बात नहीं, हमने काम किया.”
इस परियोजना को शीर्षक दिया गया है – “दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण न्यूनीकरण के लिए एक विकल्प के रूप में कृत्रिम बारिश की प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और मूल्यांकन”.
आईआईटी कानपुर ने जो रासायनिक फॉर्मूला तैयार किया है, उसमें शामिल हैं: