फोड़े-फुंसियों से राहत के लिए आयुर्वेदिक उपाय: नीम की छाल का जादू
newzfatafat June 29, 2025 03:42 PM
फोड़े और फुंसियों का परिचय

शरीर के किसी हिस्से में मवाद या पस का इकट्ठा होना फोड़ा या फुंसी कहलाता है। यह समस्या शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है, जिससे त्वचा उभर जाती है और उसमें मवाद भर जाता है, जिसे छूने पर दर्द महसूस होता है।


फोड़े-फुंसियों के कारण

फोड़े या फुंसियों के बनने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बैक्टीरियल संक्रमण, खाद्य एलर्जी, लिम्फ नलिकाओं में रुकावट, त्वचा की उचित सफाई न करना, शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमा होना, और अधिक गर्म चीजों का सेवन।


आयुर्वेद में नीम की छाल का महत्व

फोड़े-फुंसियों से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। इनमें से एक प्रमुख उपाय है नीम की छाल का उपयोग। यह उपाय हजारों वर्षों से आयुर्वेद चिकित्सा में प्रचलित है।



नीम के लाभ

नीम का पेड़ कई गंभीर बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। वर्तमान में, नीम से कई दवाइयाँ भी बनाई जा रही हैं। फोड़े या फुंसी होने पर उन्हें हाथ से नहीं छेड़ना चाहिए, क्योंकि इससे बैक्टीरिया अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं।


इससे बचने के लिए, नीम की छाल को पत्थर पर घिसकर उसमें थोड़ा पानी मिलाएं और इसे फोड़े-फुंसी पर लगाकर सूखने दें। यह उपाय फोड़े-फुंसियों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। नीम की छाल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो त्वचा पर मौजूद फोड़े-फुंसियों को समाप्त करते हैं और संक्रमण फैलने से रोकते हैं।


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