टोल टैक्स हाइक: दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे (एनएच-58) पर स्थित सिवाया टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए एक बड़ी खबर है. 1 जुलाई 2025 से यहां टोल शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत हल्के वाहनों पर 5 रुपए और भारी वाहनों पर 10 रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी.
टोल प्लाजा के मेंटेनेंस अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि एनएचएआई हर वर्ष की तरह इस बार भी जुलाई से टोल शुल्क में संशोधन कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पहले ही भेजा गया था और अब उसे मंजूरी मिलने के बाद 30 जून की रात 12 बजे से नई दरें लागू होंगी.
जहां एक ओर सभी श्रेणियों के वाहनों पर शुल्क बढ़ाया गया है, वहीं 10 किमी दायरे के स्थानीय वाहन चालकों को इस वृद्धि से छूट दी गई है. स्थानीय निजी और वाणिज्यिक वाहनों के लिए पुरानी दरें ही जारी रहेंगी. हालांकि, भारी वाहनों पर टोल वृद्धि का प्रभाव आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा क्योंकि खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई महंगी हो सकती है.
वाहन प्रकार | एकल यात्रा | स्थानीय व्यक्तिगत | स्थानीय वाणिज्यिक |
---|---|---|---|
कार/जीप/वैन | ₹ 110 | ₹ 25 | ₹ 55 |
मिनी बस/LCV | ₹ 195 | – | ₹ 95 |
बस/ट्रक | ₹ 395 | – | ₹ 195 |
मल्टीएक्सल वाहन | ₹ 635 | – | ₹ 315 |
नई टोल दरें (1 जुलाई से प्रभावी)
वाहन प्रकार | एकल यात्रा | स्थानीय व्यक्तिगत | स्थानीय वाणिज्यिक |
---|---|---|---|
कार/जीप/वैन | ₹ 115 | ₹ 25 | ₹ 55 |
मिनी बस/LCV | ₹ 200 | – | ₹ 100 |
बस/ट्रक | ₹ 400 | – | ₹ 200 |
मल्टीएक्सल वाहन | ₹ 645 | – | ₹ 320 |
एनएचएआई का कहना है कि टोल शुल्क में वार्षिक संशोधन का मकसद रोड मेंटेनेंस और टोल प्लाजा संचालन की लागत को संतुलित करना है. हालांकि, इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है क्योंकि परिवहन खर्च बढ़ने से मूल्यवृद्धि की संभावना बन जाती है.
दिल्ली से देहरादून जाने वाले हजारों वाहन इस टोल प्लाजा से गुजरते हैं. खासकर व्यावसायिक वाहनों पर टोल बढ़ने से ट्रांसपोर्ट कॉस्ट में इजाफा होगा, जिसका असर फल, सब्जियां, अनाज और अन्य सामानों की कीमतों पर पड़ सकता है.
एनएचएआई की नीति के अनुसार, 10 किमी की परिधि में रहने वाले स्थानीय लोगों को आवागमन के दैनिक खर्च से राहत देने के लिए टोल शुल्क कम रखा जाता है. इस नीति के तहत, स्थानीय निजी वाहनों पर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलती है.
यदि आप सप्ताह में कई बार हाईवे का उपयोग करते हैं, तो फास्टैग के जरिए भुगतान करें, जिससे कैशलेस और जल्दी ट्रांजैक्शन संभव हो सके.
व्यवसायिक वाहनों के मालिकों को बढ़ी हुई लागत का पूर्वानुमान लगाकर माल ढुलाई शुल्क में संशोधन करना होगा.