हरियाणा भारी बारिश: उत्तर भारत में रविवार को हुई भारी बारिश ने मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल दिया है. पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई हिस्सों में तेज वर्षा दर्ज की गई, जिससे गर्मी से राहत मिली. वहीं दिल्ली-एनसीआर में भी गरज के साथ बारिश की संभावना जताई गई है और आईएमडी ने येलो अलर्ट जारी कर दिया है.
चंडीगढ़ में बीते 24 घंटों में 119.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस सीजन की सबसे बड़ी बरसात मानी जा रही है. वहीं हरियाणा के अंबाला में 91 मिमी वर्षा ने किसानों और आमजन को राहत पहुंचाई.
पंजाब के फिरोज़पुर, मोहाली, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट और रूपनगर जैसे प्रमुख शहरों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है. टूटते तापमान और बढ़ती नमी ने मानसून की दस्तक को और मजबूती दी है.
हरियाणा के रोहतक, गुरुग्राम, कैथल, नूंह और पंचकूला में बारिश के बाद दिन के तापमान में गिरावट देखी गई है. पिछले कुछ दिनों की उमस और गर्मी से त्रस्त लोग इस बारिश से बेहद राहत महसूस कर रहे हैं.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 30 जून और 1 जुलाई को पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है. साथ ही, कुछ क्षेत्रों में गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की गई है.
मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा के उत्तरी व पूर्वी इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई है. इससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने को कहा गया है.
दिल्ली में रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 1.1 डिग्री कम रहा. आईएमडी ने राजधानी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जो संभावित मध्यम बारिश और गरज के साथ तेज हवाओं की चेतावनी देता है.
शनिवार को दिल्ली के पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी इलाकों में हल्की बारिश देखने को मिली थी. इससे राजधानी में मानसून के आगमन की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं, हालांकि मौसम विभाग की ओर से आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है.
बारिश और नमी के लगातार बढ़ते स्तर से यह संकेत मिल रहे हैं कि मानसून दिल्ली के दरवाज़े तक पहुंच चुका है. लेकिन जब तक मौसम विभाग इसकी औपचारिक घोषणा नहीं करता, तब तक इसे प्री-मॉनसून गतिविधि ही माना जाएगा.
जहां एक ओर बारिश ने खेती-किसानी को बढ़ावा दिया है, वहीं दूसरी ओर बिजली गिरने और तेज हवाओं का खतरा भी बना हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने और खुले स्थानों से बचने की सलाह दी गई है.
कुछ शहरों के निचले इलाकों में जलभराव के कारण यातायात बाधित हुआ है. प्रशासन द्वारा ड्रेनेज सिस्टम को साफ रखने और ट्रैफिक रूट डायवर्जन की व्यवस्था की जा रही है ताकि आमजन को परेशानी न हो.