हरियाणा स्कूल ओपन: हरियाणा में सोमवार 1 जुलाई 2025 को सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश का अंतिम दिन रहा. मंगलवार से प्रदेश भर के सरकारी स्कूल पूर्व की तरह दोबारा खुलने जा रहे हैं. बच्चों के स्कूल लौटने से पहले शिक्षा विभाग ने 5 जुलाई को पीटीएम (अभिभावक-शिक्षक बैठक) के आयोजन की घोषणा की है, जिसे बेहद रचनात्मक और सहभागिता-प्रधान रूप में आयोजित किया जाएगा.
हरियाणा के सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए 5 जुलाई को अभिभावक-शिक्षक संवाद (PTM) का आयोजन किया जाएगा. इस बैठक से पहले मटका दौड़, नींबू दौड़, तीन-पैर दौड़, म्यूजिकल चेयर, रस्साकशी जैसी मनोरंजक प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें छात्रों के साथ अभिभावक भी भाग लेंगे. विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से इस आयोजन को लेकर आधिकारिक पत्र जारी किया जा चुका है.
ग्रीष्मावकाश के दौरान बच्चों को ऐसा गृहकार्य दिया गया, जो उन्हें अनुभव आधारित शिक्षा से जोड़ता है. इन गतिविधियों के जरिए विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन के अनुभवों से परिचित कराया गया, जिससे उनकी रचनात्मकता, स्वतंत्र सोच और सीखने की जिज्ञासा को बढ़ावा मिला.
बच्चों को यह कार्य परिवार के बड़े सदस्यों की मदद से पूरा करना था, ताकि अभिभावकों की भागीदारी भी बच्चों की शिक्षा में सशक्त रूप से शामिल हो सके.
5 जुलाई को आयोजित होने वाली अभिभावक-शिक्षक बैठक का मुख्य उद्देश्य यह जानना होगा कि बच्चों ने छुट्टियों में क्या सीखा, और अभिभावकों ने उनके साथ किस प्रकार की गतिविधियों में भाग लिया. साथ ही इस बात पर भी चर्चा होगी कि विद्यार्थियों की किन विषयों में पकड़ मजबूत करनी है और कहाँ सुधार की आवश्यकता है.
PTM की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी क्लस्टर प्रमुख, BRC और ABRC अधिकारी संबंधित विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे. ये अधिकारी बैठक के दौरान अभिभावकों से बातचीत करेंगे, और बाद में एक गूगल फॉर्म के माध्यम से रिपोर्ट दर्ज करेंगे.
प्रत्येक स्कूल के प्रधानाध्यापक को भी पीटीएम के आयोजन के बाद क्लस्टर मुखिया को विस्तृत रिपोर्ट भेजनी होगी.
5 जुलाई को जब अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित की जाएगी, उस दिन स्कूलों में कोई शैक्षणिक गतिविधि आयोजित नहीं की जाएगी. यह दिन पूरी तरह छात्रों और अभिभावकों के आपसी संवाद, उनकी भागीदारी और शिक्षकों के साथ चर्चा के लिए समर्पित रहेगा.
हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग का यह कदम पारंपरिक PTM से कहीं आगे का प्रयास है, जिसमें केवल संवाद नहीं बल्कि खेल-कूद और सक्रिय सहभागिता भी शामिल है. इससे बच्चों और अभिभावकों के बीच जुड़ाव बढ़ेगा और शिक्षा के प्रति रुचि भी प्रोत्साहित होगी.
यह पहल न केवल शिक्षण गुणवत्ता को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि अभिभावकों को भी बच्चों की सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करेगी.