स्कूल ऑर्डोर: जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक), लुधियाना के कार्यालय से सभी ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 1 जुलाई 2025 से पहले सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों की सफाई और मरम्मत सुनिश्चित की जाए. यह कदम स्कूलों के सुचारु संचालन और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. इन निर्देशों में स्कूल परिसर को पूरी तरह स्वच्छ, सुरक्षित और अध्ययन-उपयुक्त बनाने पर जोर दिया गया है.
स्कूल खुलने से पहले हर कक्षा-कक्ष की गहराई से सफाई अनिवार्य की गई है. छतों पर उगी घास को हटाना, जाले साफ करना और फर्श से लेकर दीवारों तक की धूल साफ करना निर्देशों में शामिल है.
छतों की भी सफाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि बारिश के मौसम में जलभराव जैसी समस्याओं से बचा जा सके.
विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने हेतु सभी स्कूलों में वाटर कूलर और पानी की टंकियों की क्लोरीनेशन और सफाई कराना जरूरी है.
गर्मियों में पानीजनित रोगों से बच्चों को बचाने के लिए यह व्यवस्था अत्यंत आवश्यक मानी गई है. साफ पानी बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा में एक अहम भूमिका निभाएगा.
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि मिड-डे-मील तैयार करने वाले किचन एरिया और बर्तनों की विशेष सफाई की जाए.
सूखा अनाज भी जांचा जाएगा कि उसमें किसी प्रकार की गंदगी या कीड़े न हों. बच्चों को स्वच्छ भोजन देने की प्राथमिकता को गंभीरता से लागू करने का आदेश दिया गया है.
स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी टॉयलेट्स की सफाई अनिवार्य की गई है. इसके अलावा, फिनाइल और कीटनाशकों का छिड़काव भी कराने का निर्देश दिया गया है ताकि संक्रमण और बदबू से बचा जा सके.
स्वच्छ शौचालयों का वातावरण बच्चों के लिए न केवल सुरक्षित होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है.
सभी स्कूलों में डेस्क-बेंच, पंखों और बिजली व्यवस्था की जांच व मरम्मत करने को कहा गया है. विद्यार्थियों के बैठने की जगह से लेकर प्राकृतिक रोशनी और हवा की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
शिक्षा विभाग चाहता है कि बच्चे स्वस्थ, रोशनीयुक्त और प्रेरणादायक वातावरण में पढ़ाई करें.
स्कूलों को सौहार्दपूर्ण और प्रेरणादायक माहौल में लौटाने की तैयारी
सिर्फ सफाई ही नहीं, सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों के स्वागत के लिए माहौल को प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक बनाया जाए. इसमें दीवारों की सजावट, मोटिवेशनल पोस्टर या रंगाई-पुताई जैसे कार्य भी शामिल किए जा सकते हैं.
यह पहल विद्यार्थियों में उत्साह और स्कूल के प्रति लगाव बढ़ाने का कार्य करेगी.
ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीनस्थ सभी स्कूल प्रमुखों को इन निर्देशों की तत्काल सूचना दें और यह सुनिश्चित करें कि सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे हों.
इन आदेशों का पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों की उत्तरदायित्व तय किया जा सकता है.