सोमवार को मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले को समाप्त कर दिया। यह निर्णय तब आया जब बीजेपी नेता मोहित कांबोज ने अपनी शिकायत वापस लेने का निर्णय लिया। अदालत ने कहा, “आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत बरी किया जाता है और यह मामला बंद किया जाता है.”
कांबोज ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 257 के तहत अपनी शिकायत वापस लेने की अर्जी दी। इस धारा के अनुसार, शिकायतकर्ता अंतिम निर्णय से पहले अपनी शिकायत वापस ले सकता है, बशर्ते मजिस्ट्रेट वापसी के कारणों से संतुष्ट हो। कांबोज ने कहा, “अदालत इस मामले की रोजाना सुनवाई चाहती है, लेकिन मैं हर दिन उपस्थित नहीं हो सकता। इसलिए मैं स्वेच्छा से यह मामला वापस ले रहा हूं। मुझ पर कोई दबाव या जबरदस्ती नहीं की गई है.”
कांबोज ने 2021 में नवाब मलिक के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हें और उनके साले रिशब सच्चदेव को बदनाम किया। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा अक्टूबर 2021 में एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद हुई थी, जिसमें अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कांबोज ने कहा कि मलिक ने जानबूझकर उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया। उन्होंने मलिक के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत कार्रवाई की मांग की थी। अदालत ने कांबोज की अर्जी स्वीकार करते हुए मलिक को बरी कर दिया, जिससे उन्हें कानूनी राहत मिली है और यह विवाद समाप्त हो गया है.