एजबेस्टन में क्यों जीत नहीं पाती टीम इंडिया? जानिए 153 साल पुराने इस मैदान का तिलिस्म
TV9 Bharatvarsh July 01, 2025 10:42 PM

टीम इंडिया का कारवां अब एजबेस्टन पहुंच चुका है, जहां 2 जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत हो रही है. लीड्स में पिछला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया के लिए एजबेस्टन में जीत अहम हो गई है. मगर बड़ी अड़चन ये है कि ये इंग्लैंड के उन मैदानों में हैं, जहां टीम इंडिया और जीत के बीच हमेशा से ही 36 का आंकड़ा रहा है. और, यही एजबेस्टन का तिलिस्म है, जिसे तोड़ने की चुनौती एक बार फिर से टीम इंडिया के सामने मुंह बाए खड़ी है. ऐसे में कई सवाल हैं. पहला, क्या टीम इंडिया एजबेस्टन में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज कर इतिहास रचेगी? दूसरा क्या वो एजबेस्टन में टेस्ट जीतने वाली एशिया की पहली टीम बनेगी?

एजबेस्टन में टीम इंडिया का इतिहास

एजबेस्टन ग्राउंड का इतिहास 153 साल पुराना है. वहीं इस मैदान पर टीम इंडिया को खेलते हुए 58 साल हो चुके हैं. भारत ने यहां अपना पहला टेस्ट मैच साल 1967 में खेला था. तब से अब तक उसने एजबेस्टन में 8 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से 7 हारे हैं. वहीं एक मुकाबला ड्रॉ रहा है. ये तो हुई भारत की बात. एशिय़ा की दूसरी टीमों का भी टेस्ट में हाल एजबेस्टन में भारत जैसा ही रहा है. फिर चाहे वो पाकिस्तान हो या श्रीलंका. पाकिस्तान ने भी एजबेस्टन में 8 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उसने 5 हारे हैं और 3 मुकाबले ड्रॉ कराए हैं. वहीं श्रीलंका ने एजबेस्टन में 2 टेस्ट खेले हैं और दोनों गंवाए हैं.

एजबेस्टन में इंग्लैंड का इतिहास

अब सवाल है कि इंग्लैंड का एजबेस्टन में रिकॉर्ड कैसा रहा है? मेजबान टीम ने एजबेस्टन में अपनी जीत की शानदार कहानी लिखी है. इंग्लैंड ने एजबेस्टन में 56 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से 30 जीते हैं. वहीं 11 मुकाबलों में उस हार का सामना करना पड़ा है. जबकि 15 मुकाबले इंग्लैंड ने ड्रॉ कराए हैं.

एजबेस्टन में क्या है खास?

एजबेस्टन में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम का रिकॉर्ड कमाल का रहा है. और ये शायद इसलिए क्योंकि यहां की पिच बल्लेबाजी के लिए कमाल की रही है. इसके चलते स्कोर को चेज करना यहां आसान रहता है. सीधे शब्दों में कहें तो 153 साल पुराने इस मैदान पर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम सबसे ज्यादा बार जीती है.

टॉस जीतो और गेंदबाजी चुनो

1902 से 2024 के बीच एजबेस्टन के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि कैसे इस मैदान पर पहले फील्डिंग करने वाली टीम ने अपना दबदबा कायम किया है. इस दौरान यहां खेले 56 टेस्ट में 18 बार वो टीम जीती है, जिसने पहले बैटिंग की है. वहीं 23 मुकाबलों में जीत पहले फील्डिंग करने वाली टीम को मिली है.

अब पहले फील्डिंग कर मैच जीतने का सवाल है तो जाहिर है एजबेस्टन में टॉस की भूमिका भी अहम रहने वाली है. भारत और इंग्लैंड में जो भी टीम टॉस जीतेगी वो यहां पहले फील्डिंग करना पसंद करेगी. जहां तक एजबेस्टन की पिच का सवाल है तो उस पर पहली पारी में तेज गेंदबाजों का जबकि दूसरी पारी में स्पिनर्स का जलवा रहा है.

क्रिकेट में वैसे कहा जाता है कि हर दिन नया होता है. और पिछले आंकड़े ज्यादा मायने रखते हैं. लेकिन, एजबेस्टन का रिकॉर्ड देखकर लगता है कि यहां टीमों को पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए ही फैसले लेने होंगे.

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