Sleep Effect: अगर आप 7 घंटे से कम सोते हैं तो हो जाएं सावधान! हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां
Varsha Saini July 02, 2025 02:05 PM

PC: Saamtv

नींद सिर्फ़ आराम के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि शरीर और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी एक जटिल जैविक प्रक्रिया है। यह शरीर की मरम्मत, मस्तिष्क के उत्थान और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि हर वयस्क को हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की आरामदायक, निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण नींद लेनी चाहिए।

आज की तनावपूर्ण ज़िंदगी में लगातार तनाव और मोबाइल स्क्रीन के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण बहुत से लोग नींद को प्राथमिकता नहीं देते। सात घंटे से कम सोने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। नींद की कमी से एकाग्रता में कमी, मूड स्विंग, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इस लेख में आइए देखें कि अपर्याप्त नींद से कौन-कौन सी बीमारियाँ बढ़ती हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

हृदय रोग का जोखिम

अपूर्ण नींद से शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ जाती है, जो धमनियों में सूजन पैदा करके हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है। इसके साथ ही रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ता है। इसलिए विशेषज्ञ लगातार हर दिन कम से कम 7 घंटे की आरामदायक नींद लेने की सलाह देते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है।

मधुमेह का जोखिम

नींद की कमी से इंसुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। नींद की कमी से शुगर का स्तर अस्थिर हो जाता है। इसलिए, नियमित 7-8 घंटे की नींद, हल्का व्यायाम, संतुलित आहार, गर्म पानी या हर्बल चाय का सेवन और रात में हल्का भोजन करना ज़रूरी है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

नींद की कमी से मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स पर असर पड़ता है, जो भावनाओं को नियंत्रित करता है, जिससे चिंता, अवसाद और तनाव बढ़ता है। इससे एकाग्रता और याददाश्त कम होती है। हर दिन एक तय समय पर बिस्तर पर जाना और जागना, साथ ही सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल न करना, नींद के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली

नींद की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है, जिससे सर्दी, फ्लू और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इससे घ्रेलिन हार्मोन बढ़ता है, जो भूख और मोटापे का कारण बनता है। सोने का शेड्यूल तय करें, सोने से पहले भारी भोजन और कैफीन से बचें और शांत रहने के लिए योग निद्रा या श्वास तकनीक का इस्तेमाल करें।

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