महिला रात की पारी: दिल्ली सरकार ने महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने के लिए एक अहम कदम उठाया है. श्रम विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह आवश्यक कानूनी बदलाव करके यह सुविधा उपलब्ध कराए. हालांकि, यह अनुमति महिला कर्मचारियों की स्पष्ट सहमति के आधार पर ही दी जाएगी.
राज निवास के अधिकारियों के अनुसार, महिला कर्मचारियों को नाइट ड्यूटी की इजाजत देने के लिए दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही, कारखाना अधिनियम के तहत उचित अधिसूचना जारी करके सुरक्षा उपायों को भी अनिवार्य किया जाएगा, जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
दिल्ली सरकार ने महिला कर्मचारियों की नाइट ड्यूटी से जुड़ी सरकारी प्रक्रियाओं को पुनः निर्धारित करने के लिए भी कई निर्देश दिए हैं. इसमें विशेष रूप से यह कहा गया है कि दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत अब न्यूनतम कर्मचारियों की सीमा 1 से बढ़ाकर 10 की जा रही है. इससे उन प्रतिष्ठानों को भी लाभ मिलेगा जो पहले इस अधिनियम की सीमा में नहीं आते थे.
सरकार ने दुकानों और प्रतिष्ठानों को हफ्ते में 7 दिन और दिनभर यानी 24 घंटे काम करने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है. यह फैसला दिल्ली में व्यापार को बढ़ावा देने और अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
दिल्ली अग्निशमन विभाग को तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) के ऑडिट के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं. आने वाले दिनों में बड़े कारोबारी और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध एजेंसियों से ऑडिट प्रमाणपत्र मिलने पर एनओसी जारी करने की अनुमति दी जा सकती है. वहीं छोटे कारोबारी प्रतिष्ठानों को थर्ड पार्टी ऑडिट का विकल्प दिया जाएगा.
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं, जैसे कि ‘व्यापार करने में आसानी’ (Ease of Doing Business) और ‘अधिकतम शासन – न्यूनतम सरकार’ (Maximum Governance – Minimum Government) की प्रगति और कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक में उपराज्यपाल ने कहा कि आज भी कई जटिल कानूनी प्रक्रियाएं दिल्ली में कारोबार और आर्थिक गतिविधियों की गति को बाधित कर रही हैं. इन प्रक्रियाओं को सरल बनाकर व्यापारियों को राहत देना जरूरी है ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके और निवेश को प्रोत्साहन मिले.