उत्तर प्रदेश की राजनीति के प्रमुख चेहरा और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का 52वां जन्मदिन इस बार सिर्फ एक निजी उत्सव नहीं रहा, बल्कि एक सियासी शक्ति प्रदर्शन और एकजुटता का संदेश बनकर उभरा है।
जहां एक ओर पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक इसे धूमधाम और उत्सव के रूप में मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी एकता और राजनीतिक समर्थन के रूप में भी यह दिन खास बन गया।
अखिलेश को बताया गया “भविष्य का मुख्यमंत्री”लखनऊ से लेकर गांव-गांव तक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव का जन्मदिन जश्न और जनसेवा के कार्यक्रमों के साथ मनाया। कई जगहों पर केक काटने, भंडारे, रक्तदान शिविर, और पौधारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव को “भविष्य का मुख्यमंत्री” बताते हुए नारे लगाए और संकल्प लिया कि 2027 विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाएंगे। सपा कार्यालय को सजाया गया और जगह-जगह बधाई पोस्टर और बैनर लगाए गए।
राहुल गांधी का भावनात्मक संदेश: “हम भाई हैं”राजनीतिक गलियारों में हलचल उस वक्त और तेज हो गई जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अखिलेश यादव को जन्मदिन की बधाई देते हुए एकजुट विपक्ष की मजबूती का संकेत दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“अखिलेश यादव जी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। हम इस न्याय और बराबरी की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ हैं। हम भाई हैं और देश के लिए साथ हैं।”
राहुल गांधी का यह बयान न केवल विपक्षी गठबंधन INDIA की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि आने वाले चुनावों में अखिलेश-राहुल की जोड़ी एक बार फिर उत्तर प्रदेश में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
विपक्ष में दिखी एकता की झलकअखिलेश यादव को जन्मदिन की बधाई देने वालों में सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी शामिल रहे, जिन्होंने शालीनता से शुभकामनाएं दीं।
वहीं विपक्षी नेताओं के बधाई संदेशों ने यह साबित किया कि विपक्ष अब 2024 लोकसभा चुनाव के बाद नई ऊर्जा के साथ खुद को फिर से संगठित करने में जुट गया है।