पुराने डीजल वाहन प्रतिबंध: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. अब 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को न केवल सड़कों पर चलने से रोका जा रहा है, बल्कि सील भी किया जा रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी लग्जरी कारें भी इस कार्रवाई की जद में आ गई हैं.
दिल्ली के कई पॉश इलाकों में इन दिनों एक अजीब सा नजारा देखने को मिल रहा है. कल तक जो मर्सिडीज़ फर्राटे भरती थीं, आज वे पेट्रोल पंप पर रोक दी जा रही हैं और सील की जा रही हैं. लोग हैरान और नाराज़ हैं क्योंकि भले ही उनकी गाड़ियां पुरानी हों, लेकिन वे अभी भी नई जैसी चमक रही हैं. इसके बावजूद अब उन पर ताले लग रहे हैं, और लाल रंग की सीलिंग पट्टियाँ चिपक रही हैं.
दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की दिशा में अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की शुरुआत की है. राजधानी के लगभग 350 पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) लगाए गए हैं, जो गाड़ियों की उम्र की पहचान करते हैं. इसके आधार पर पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देने से रोका जा रहा है और आवश्यकता पड़ने पर सील भी किया जा रहा है.
अभियान की शुरुआत आज सुबह 6 बजे से हुई, जिसमें 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को ईंधन नहीं दिया गया. चिराग दिल्ली के ढींगरा पेट्रोल पंप पर सुबह से ही परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की टीमें तैनात दिखीं. अधिकारियों ने पेट्रोल पंप कर्मियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि पुराने वाहनों में किसी भी हालत में ईंधन न भरें.
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित कैमरे पुराने वाहनों की तुरंत पहचान करते हैं. जैसे ही कोई प्रतिबंधित वाहन पेट्रोल पंप पर आता है, कैमरे उसे डेटाबेस से मिलाते हैं और एक हूटर बजता है, जिससे कर्मचारी सतर्क हो जाते हैं. मौके पर ही वाहन जब्त कर लिए जाते हैं.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एएसआई जगन लाल ने बताया कि उनकी टीम केंद्रीय डेटाबेस के जरिए हर वाहन की उम्र की पुष्टि कर रही है. कैमरे की मदद से पहचान के साथ-साथ मैन्युअल जांच भी की जा रही है ताकि कोई वाहन नियम से न बच सके.
ढींगरा पेट्रोल पंप के कर्मचारी हृदय राम ने कहा कि उन्हें पुराने वाहनों में ईंधन भरने से सख्त मना किया गया है. जैसे ही किसी गाड़ी की जानकारी मिलती है, वे तुरंत पुलिस या प्रवर्तन टीम को सूचित करते हैं. अब कोई भी पेट्रोल पंप इस नियम को नजरअंदाज नहीं कर सकता.
इस अभियान की नींव साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से पड़ी, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने भी 2014 में ही 15 साल से पुराने वाहनों की सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग पर रोक लगा दी थी.
दिल्ली सरकार की यह मुहिम राजधानी की आबोहवा को सांस लेने लायक बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है. प्रदूषण नियंत्रण, स्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण को लेकर यह नीति अब न सिर्फ कागज़ों में, बल्कि सड़कों पर सख्ती से लागू की जा रही है.