सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संरा में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि इफ्तिखार अहमद ने मीडिया से बातचीत में कश्मीर मुद्दे का तत्काल हल करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने ने कहा कि कश्मीर पर लंबे समय से चले आ रहे प्रस्तावों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का समय आ गया है। अहमद ने कहा कि खासकर परिषद के स्थायी सदस्यों पर दायित्व है कि वे अपने प्रस्तावों के लिए ठोस कदम उठाएं। ALSO READ: सिंधु जल संधि पर फिर गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, भारत से की अपील
क्या कहा इफ्तिखार ने : इफ्तिखार यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर लंबे समय से चले आ रहे प्रस्तावों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का समय आ गया है। इस विवाद की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है। ऐसे में इस मुद्दे को छोड़ा नहीं जा सकता। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले में कार्रवाई करें। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान, तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता करेगा तथा संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी समिति के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य करेगा। ALSO READ: डोनाल्ड ट्रंप ने बताया, किस तरह रुकवाया भारत पाकिस्तान युद्ध
हालांकि अस्थायी देशों का सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनना बारी-बारी से होता है। इसके लिए वोटिंग नहीं होती। अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार रोटेशन होता है। इसके अनुसार जब भी किसी देश का नंबर आता है तो वह यूएनएससी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालता है।
क्या होता है अध्यक्ष देश का काम
क्या कहा कांग्रेस ने : कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है जिसका आतंकवादियों को शरण देने, आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत में आतंक फैलाने का सिद्ध इतिहास है। ऐसे में उसे वैश्विक नेतृत्व की भूमिकाएं दी जा रही हैं, जबकि भारत आज भी उसके प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है। सुरजेवाला ने मोदी सरकार की ‘चुप्पी और निष्क्रियता’ पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित पहलगाम आतंकी हमले के कुछ ही सप्ताह बाद हुआ है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala