अनिल अंबानी: रिलायंस कम्युनिकेशन (RCOM), देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनियों में से एक, अब एक और गंभीर संकट का सामना कर रहा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने RCOM के ऋण खाते को ‘धोखा’ घोषित किया है। यह जानकारी कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज को प्रदान की जाती है। यह निर्णय कंपनी के लिए कानूनी और वित्तीय कठिनाइयों को बढ़ा सकता है। अनिल अंबानी की अगुवाई में कंपनी पहले से ही दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर चुकी है, और अब इस ‘धोखा’ टैग ने उनकी छवि को मारा है।
इस घटना ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बनाया है क्योंकि RCOM अब न केवल बैंकों द्वारा बल्कि नियामक एजेंसियों द्वारा भी सख्त पर्यवेक्षण के तहत होगा। कंपनी पहले से ही हजारों करोड़ रुपये तक डूब रही है और कई संपत्ति बेचने की प्रक्रिया भी चल रही है। ऐसे मामले में, निवेशकों, आपूर्तिकर्ताओं और संभावित खरीदारों के लिए धोखाधड़ी के विश्वास को फिर से हासिल करना बहुत मुश्किल होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय के बाद, अनिल अंबानी समूह की अन्य कंपनियों की विश्वसनीयता भी प्रभावित हो सकती है। यह निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को एक संदेश दे सकता है कि समूह के कॉर्पोरेट प्रशासन और ऋण चुकाने की क्षमता संदिग्ध हो सकती है। इससे समूह के अन्य समूहों के लिए धन जुटाने में कठिनाई हो सकती है।
RCOM के लिए संकट ऐसे समय में आया है जब कंपनी दिवालियापन प्रक्रिया के तहत एक संकल्प योजना की उम्मीद कर रही थी। इस टैग के बाद, इन्सॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल्स (IRP) भी निवेशकों को आकर्षित करने और RCOM को पुनर्जीवित करने में कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं। यह कदम भविष्य की कंपनियों के लिए एक चेतावनी साबित हो सकता है जो पारदर्शिता और जिम्मेदारी में विफल होते हैं।