समाचार भारत लाइव, डिजिटल डेस्क: गुरुवार के लिए चमत्कारी उपचार: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन इनकी पूजा-अर्चना करने से विशेष कृपा मिलती है और कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है। गुरु के मजबूत होने से जीवन की कई अड़चनें दूर होती हैं, जैसे शादी में देरी, धन संबंधी मुश्किलें और करियर की बाधाएं। ज्योतिष शास्त्र में केले के पेड़ को बहुत शुभ माना गया है और गुरुवार को इससे जुड़े कुछ खास उपाय करने से आपकी तमाम परेशानियां दूर हो सकती हैं। आइए जानते हैं ये आसान उपाय क्या हैं:
1। धन संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए:
अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं या पैसा टिक नहीं रहा है, तो गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा जरूर करें। जल में हल्दी मिलाकर पेड़ को अर्पित करें और फिर केले के पास दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और धन आगमन के रास्ते खुलते हैं।
2. विवाह में आ रही बाधाएं और शीघ्र विवाह के लिए:
जिन लोगों की शादी में बाधाएं आ रही हैं या विवाह में देरी हो रही है, उन्हें गुरुवार के दिन केले के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही पेड़ पर हल्दी का तिलक लगाकर अपने माथे पर भी लगाएं। इससे गुरु ग्रह मजबूत होते हैं और विवाह के योग जल्द बनते हैं।
3. करियर और नौकरी में सफलता पाने के लिए:
अगर आपको करियर या नौकरी में तरक्की नहीं मिल रही है तो गुरुवार के दिन केले के पेड़ की जड़ में चना दाल और गुड़ अर्पित करें। इससे गुरु ग्रह प्रसन्न होते हैं और आपको काम में सफलता मिलती है।
4. घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए:
घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे, इसके लिए घर के पिछवाड़े में केले का पेड़ लगाना शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रहे, इसे घर के मुख्य द्वार के सामने या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में न लगाएं। गुरुवार को इसकी नियमित पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा विधि:
गुरुवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें। फिर केले के पेड़ के सामने आसन लगाकर बैठें। पेड़ को शुद्ध जल अर्पित करें। जल में हल्दी मिलाकर अर्पित करना अधिक शुभ होता है। पेड़ के तने पर हल्दी का लेप लगाएं या तिलक करें। चना दाल और गुड़ भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद दीपक जलाकर भगवान विष्णु की आरती करें और 108 बार परिक्रमा करते हुए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद केले का दान करें, लेकिन गुरुवार को स्वयं केला न खाएं।