अगरतला, 3 जुलाई (आईएएनएस)। त्रिपुरा में बारिश के बाद भूस्खलन से रेल परिचालन में आई बाधा खत्म हो गई है। रेल सेवाओं को दोबारा बहाल कर दिया गया है।
त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि एक सप्ताह से अधिक समय तक बाधित रहने के बाद त्रिपुरा में रेल सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो गई हैं। इसके साथ ही राज्य में सामान्य परिचालन फिर से शुरू हो गया है।
अगरतला के स्वामी विवेकानंद मैदान में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में परिवहन मंत्री मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के साथ 16 नई बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाने में शामिल हुए। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया, "प्रभावित रेलवे ट्रैक (असम में) पर रखरखाव का काम पूरा हो गया है और वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर रेल या वाहनों की आवाजाही में कोई बाधा नहीं है।"
चौधरी ने रेलवे विभाग और पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे के महाप्रबंधक को उनकी त्वरित कार्रवाई और बहाली प्रक्रिया के दौरान नियमित समन्वय के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह काम युद्ध स्तर पर किया गया, जो त्रिपुरा जैसे भूमि से घिरे राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, जहां रेलगाड़ियां जीवन रेखा हैं।"
मानसून में भूस्खलन के कारण ज्यादा समस्या नहीं होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मानसून के मौसम में भूस्खलन के कारण अक्सर होने वाली चिंताओं के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्गों पर वर्तमान में कोई समस्या नहीं है, खासकर लोअरपुहा जैसे क्षेत्रों और मेघालय और असम के कुछ हिस्सों में।
मंत्री ने कहा, "अभी तक स्थिति स्थिर बनी हुई है। राज्य में सामान और यात्रियों की आवाजाही के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने के लिए रेल संपर्क की तेजी से बहाली को महत्वपूर्ण माना जाता है, खासकर मानसून के दौरान जब वैकल्पिक मार्गों को अक्सर मौसम संबंधी व्यवधानों का सामना करना पड़ता है।"
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