अमरनाथ यात्रा मौसम: अमरनाथ यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियाँ समय-समय पर यात्रियों को प्रदान की जाती हैं। इसके लिए श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर यात्रा से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध है। जुलाई से अगस्त तक यात्रा के दौरान मौसम कैसा रहेगा, इसकी जानकारी भी वेबसाइट पर देखी जा सकती है। इसके अलावा, यात्रियों को यह भी बताया गया है कि उन्हें अपने साथ क्या-क्या सामान और कपड़े रखने चाहिए। यदि आपने अभी तक इन जानकारियों को नहीं पढ़ा है, तो यहां पूरी जानकारी प्राप्त करें।
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 14 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं। जिन लोगों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे वहां जाकर भी रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य जांच करवा सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद उनकी यात्रा शुरू हो जाएगी। यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से हो चुकी है और यह 9 अगस्त 2025 तक चलेगी।
देश में मौसम में हो रहे बदलाव के कारण पहाड़ों पर भारी बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर जाने वाले अमरनाथ यात्रियों को मौसम का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मौसम की जानकारी गाइड भी देंगे, लेकिन यात्री अपने फोन पर भी इसे चेक कर सकते हैं। श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर वे मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
वेबसाइट पर क्लिक करते ही एक नया पृष्ठ खुल जाएगा, जिसमें अगले 5 दिनों का मौसम अपडेट देखा जा सकेगा। इसमें रेड, येलो और ग्रीन साइन दिए गए हैं। जब भी कोई अलर्ट जारी किया जाएगा, उसे यहां अपडेट किया जाएगा। वर्तमान में बांदीपोरा और किश्तवाड़ में आसमानी बिजली का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
यात्रियों को यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले, उनके पास यात्रा परमिट होना चाहिए। मौसम को देखते हुए ऊनी कपड़े पहनना आवश्यक है, क्योंकि तापमान कभी-कभी 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। इसके अलावा, छाता, विंड चीटर, रेनकोट और वाटरप्रूफ जूते भी साथ रखें।
यात्रा के दौरान अपनी और अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन करना आवश्यक है। बिना आईडी कार्ड के किसी को अनुमति नहीं मिलेगी। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें। यात्रियों को शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए। पवित्र गुफा के रास्ते में चढ़ाई और ढलान होने के कारण चप्पल न पहनें, बल्कि ट्रेकिंग शूज का उपयोग करें।