पिछले 24 घंटों का मौसम
2 जुलाई को इंदौर, भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, रीवा, जबलपुर, शहडोल और सागर संभागों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई. कई जिलों में भारी बारिश हुई, जैसे छपारा (176.5 मिमी), राजगढ़ (155.2 मिमी), गुना (125.2 मिमी), बियावरा (107.2 मिमी), भानपुरा (103.4 मिमी) और भोपाल (77 मिमी). वहीं पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 16°C और खजुराहो में अधिकतम तापमान 32.8°C दर्ज किया गया.
3 जुलाई को कैसा रहेगा मौसम?
3 जुलाई को राज्य के मंदसौर, नीमच, सीधी, सतना, मैहर, शाहडोल, सिंगरौली में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. सीहोर, राजगढ़, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, आगर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां में भारी बारिश के साथ वज्रपात और तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चल सकती हैं. भोपाल, विदिशा, रायसेन, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, दतिया, भिंड, मुरैना, ग्वालियर जिलों में भी गरज-चमक के साथ झोंकेदार हवाओं की चेतावनी दी गई है.
4 और 5 जुलाई के मौसम का पूर्वानुमान
4 जुलाई को कई जिलों जैसे रीवा, सतना, कटनी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट, छिंदवाड़ा और डिंडोरी में भी भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है. 5 जुलाई को मौसम में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन पूर्वी जिलों और विंध्य क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है.
मानसून की स्थिति
वर्तमान में मानसून ट्रफ रेखा बीकानेर, बनस्थली, शिवपुरी, सीधी, चाईबासा और दीघा होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है. दक्षिण झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक सक्रिय है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है. इसके कारण मध्य प्रदेश में नमी युक्त हवाएं आ रही हैं, जिससे बारिश का सिलसिला लगातार बना हुआ है.
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने बताया है कि भारी से अति भारी बारिश के कारण सड़क और हवाई यातायात में बाधा आ सकती है. निचले इलाकों में जलभराव, अंडरपासों में पानी भरने और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं. गुस्त हवाओं के कारण पेड़ों और बिजली के खंभों को नुकसान, कमजोर निर्माणों के गिरने और बिजली सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है. लोगों को खुले में यात्रा करने से बचने, बिजली के उपकरणों को अनप्लग करने, और पशुओं को सुरक्षित शेड में रखने की सलाह दी गई है. किसानों को चेतावनी दी गई है कि वे बारिश के दौरान खेतों में न जाएं, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव रोक दें, और नई फसलों को ढककर रखें.