हरियाणा में गंगा नदी का पानी लाने की तैयारी, योजना पर तेजी से काम जारी Ganga Water Project – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) July 03, 2025 11:28 PM

गंगा वाटर प्रोजेक्ट: हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों को पीने के पानी की किल्लत से राहत दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. एसवाईएल (SYL) नहर विवाद के बाद अब सरकार गंगा के पानी को उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक लाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को सभी संभावित विकल्पों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

मनोहर लाल के कार्यकाल में हुई थी शुरुआत

गंगा जल को हरियाणा तक लाने का विचार नया नहीं है. यह प्रयास करीब ढाई साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में शुरू हुआ था. वर्ष 2022 में उन्होंने केंद्र सरकार और यूपी सरकार को पत्र लिखकर सहयोग मांगा था. हालांकि उस समय चुनावी व्यस्तताओं के कारण यह योजना ठंडी पड़ गई थी.

अब सीएम नायब सिंह सैनी ने फिर से दिया निर्देश

नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस विचार को फिर से सक्रिय करते हुए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए हैं कि गंगा जल को हरियाणा तक लाने के हर विकल्प पर गंभीरता से काम किया जाए. मंत्री श्रुति चौधरी के आदेश पर विभाग ने चीफ इंजीनियर वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.

उत्तर प्रदेश ने सुझाए 5 संभावित ऑप्शन

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हरियाणा को पांच संभावित चैनल विकल्प सुझाए गए हैं, जिनके ज़रिए गंगा जल को हरियाणा तक लाया जा सकता है. ये विकल्प हैं:

खतौली के पास हिंडन बैरियर

  • बदरूद्दीन नगर
  • मुरादनगर
  • यमुनानगर के संभावित चैनल

इन चैनलों के माध्यम से गंगा जल को यमुना में मिलाकर हरियाणा तक पहुंचाया जा सकता है. समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

गंगा जल से यमुना पर निर्भरता होगी कम

यदि यह परियोजना धरातल पर उतरती है, तो हरियाणा को यमुना नदी पर कम निर्भर रहना पड़ेगा. इस परियोजना को 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इससे गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जल संकट झेल रहे क्षेत्रों को बड़ी राहत मिल सकती है.

पानी की किल्लत क्यों बनी गंभीर समस्या

हरियाणा में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण जल संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. खासतौर पर एनसीआर क्षेत्र के गुरुग्राम और फरीदाबाद में पानी की मांग तेज़ी से बढ़ रही है. यदि हरियाणा को एसवाईएल से पानी मिल पाता, तो स्थिति बेहतर होती, लेकिन पंजाब द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू नहीं करने के कारण यह विवाद अब भी लंबित है.

दिल्ली को भी मिल सकती है राहत

दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा सरकार केवल अपने राज्य की नहीं बल्कि दिल्ली की जरूरतों को भी ध्यान में रखकर यह योजना बना रही है. यदि गंगा का पानी हरियाणा होता हुआ दिल्ली तक पहुंचता है, तो राजधानी की भी पानी की मांग को पूरा करने में सहायता मिल सकती है.

हर चुनौती के लिए होगी रिपोर्ट तैयार

इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफल बनाने के लिए सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे क्रियान्वयन के रास्ते में आने वाली सभी संभावित कठिनाइयों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें, ताकि आगे की बातचीत में इन्हें प्रस्तुत कर समाधान खोजा जा सके.

गंगा-यमुना लिंक नहर का विचार फिर सक्रिय

हरियाणा सरकार की इस योजना को गंगा-यमुना लिंक नहर के पुनर्जीवित होने के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है. एक बार रिपोर्ट सरकार के पास आ जाने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से उच्चस्तरीय बातचीत करेंगे.

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.