कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम लिए बिना आईपीए ने कहा, गलत सूचना और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालता है तथा वैश्विक स्तर पर विज्ञान और रोगी देखभाल पर बने भरोसे को कमजोर करता है। सिद्धारमैया ने कर्नाटक के हासन जिले में दिल के दौरे से मौतों की बढ़ती संख्या को कोविड-19 टीकों से जोड़ा है।
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आईपीए महासचिव सुदर्शन जैन ने एक बयान में कहा, कोविड महामारी के दौरान टीकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत ने लगातार दुनियाभर में दवाइयां एवं टीके उपलब्ध कराए। इन टीकों का अच्छी तरह से दस्तावेजीकरण किया गया है और नियामक प्रक्रियाओं के अनुसार इनका कठोर परीक्षण किया गया है। जैन ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग ज्ञान आधारित क्षेत्र है और वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा, वैश्विक टीका उत्पादन में भारत का योगदान 60 प्रतिशत है।
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आईपीए का यह बयान सिद्धारमैया की इस टिप्पणी के बाद आया है कि हासन जिले में हाल में दिल के दौरे से हुई मौतें कोविड रोधी टीकाकरण अभियान से जुड़ी हो सकती हैं। सिद्धारमैया ने यह भी दावा किया था कि टीकों को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई थी। इससे पहले, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ ने भी सिद्धारमैया की टिप्पणी का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसे दावे तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour