देश में हेल्थ अवेयरनेस बढ़ने के साथ अब लोग सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत को भी तवज्जो देने लगे हैं. खासकर प्रोटीन को लेकर देशभर में जागरुकता बढ़ रही है. फिर चाहे वो शहरी इलाके हों या फिर ग्रामीण इलाके. प्रोटीन इंटेक को लेकर लोग अब ज्यादा सगज हो गए हैं. प्रोटीन जिसे बॉडी बिल्डिंग से लेकर इम्युनिटी बूस्ट तक के लिए जरूरी माना जाता है. अब भारतीयों की थाली में अहम जगह बना चुका है. इस बात का खुलासा हम नहीं बल्कि NCO ( National Satisfaction Office) द्वारा आयोजित कराए गए Household Consumption Expenditure Survey (HCES) 2022-23 सर्वे में हुआ है.
लेकिन सवाल ये है कि जब बात प्रोटीन की आती है, तो भारत की आम जनता सबसे ज्यादा क्या खाना पसंद करती है? क्या देश के लोग अंडा, दूध या दाल पर भरोसा करते हैं या फिर चिकन-मटन जैसी नॉनवेज चीजों को अहमियत देते हैं? चलिए इस सर्वे के आधार पर ही जानते हैं कि ग्रामीण से लेकर शहरी लोग प्रोटीन के लिए अपनी डाइट में क्या शामिल कर रहे हैं. बता दें कि ये सर्वे साल 2022 से 2023 और 2023 से 2024 में किया गया है.
प्रोटीन के लिए सबसे ज्यादा क्या खा रहे भारतीय ?हाल ही में आए Household Consumption Expenditure Survey 2022-23के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इसमें बताया गया है कि देश में सबसे ज्यादा अनाज से ही लिया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण भारत में करीब 4647% और शहरी क्षेत्रों में लगभग 39% प्रोटीन की पूर्ति अनाज से हो रही है. हालांकि ये आंकड़ा पिछले दशक की तुलना में कम हुआ है. ग्रामीण भारत में करीब 14% और शहरी भारत में लगभग 12% तक की कमी आई है. इसके बावजूद, प्रोटीन के मामले में गेहूं, चावल और अन्य अनाज अब भी भारतीय थालियों में सबसे ज्यादा योगदान दे रहे हैं.
सर्वे की बात की जाए तो इसमें साफ तौर बताया गया है कि प्रोटीन के लिए लोग अनाज, दालें, दूध और दूध से बने उत्पाद, अंडा, मछली, और मांस जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं. इस दौरान यह साफ नजर आया कि अनाज अब भी प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है. ग्रामीण भारत में कुल प्रोटीन खपत का करीब 46-47% हिस्सा अनाज से ही आता है, जबकि शहरी भारत में यह हिस्सा लगभग 39% है. ये ट्रेंड दोनों ही वर्षों में लगभग एक जैसा रहा है, जो बताता है कि हमारे देश में आज भी अनाज लोगों के प्रोटीन मुख्य स्त्रोत बना हुआ है.
अगर प्रोटीन इंटेक की बात करें तो हाल के वर्षों में भारत में इसका ग्राफ ऊपर गया है. Household Consumption Expenditure Survey के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक एक व्यक्ति प्रतिदिन लगभग 62 ग्राम प्रोटीन का सेवन करता था. लेकिन अब ये आंकड़ा बढ़कर 66 ग्राम से भी ज्यादा हो गया है. इसका मतलब है कि गांवों में लोगों की थाली में पोषण को लेकर जागरूकता बढ़ी है और वे पहले से ज्यादा प्रोटीनयुक्त चीजें जैसे दाल, दूध, अंडा या अन्य चीजें शामिल कर रहे हैं.
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वहीं शहरी इलाकों में भी प्रोटीन इंटेक बढ़ा है. सर्वे के मुताबिक, 2022 में जहां शहरी व्यक्ति प्रतिदिन लगभग 63.2 ग्राम प्रोटीन ले रहा था, वहीं 2023-24 तक ये बढ़कर 69.9 ग्राम पहुंच गया है. यानी शहरी इलाकों में करीब 7 ग्राम प्रोटीन इंटेक बढ़ा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शहरी इलाकों में लोग हेल्थ अवेयरनेस, जिम, फिटनेस कल्चर और प्रोटीन सप्लिमेंट्स के प्रति जागरुक हो रहे हैं और प्रोटीन को अपनी डाइट का एक अहम हिस्सा बना रहे हैं. कुल मिलाकर देखें तो ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में प्रोटीन इंटेक में पॉजिटिव बदलाव देखने को मिल रहा है.