मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो सगी बहनें, जिनका नाम एक जैसा है, अलग-अलग जिलों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत थीं। यह मामला तब सामने आया, जब कमिश्नर कार्यालय में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज की गई।
शिकायत मिलने के बाद विभाग ने मामले की जांच शुरू की, और जांच में पाया गया कि दोनों बहनें विभिन्न जिलों में शिक्षक के पद पर कार्यरत थीं, लेकिन दोनों का नाम समान था, जिससे रिकॉर्ड में गलत जानकारी दर्ज हो गई।
यह मामला शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम की लापरवाही और गड़बड़ी का संकेत देता है। इस स्थिति ने यह सवाल भी उठाया कि विभाग में कागजी घसारे और पदों की उचित निगरानी की कितनी कमी हो सकती है, जिससे इस प्रकार की गलतियों का सामने आना संभव हुआ।
जांच में यह भी सामने आया कि दोनों बहनें एक जैसे नाम के कारण एक ही पद पर कार्यरत होने का गलतफहमी का शिकार हो गईं। हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि इस स्थिति के कारण किसी अन्य शिक्षक को भर्ती होने का अवसर नहीं मिला था या अन्य किसी विभागीय विभाजन में कोई समस्या उत्पन्न हुई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इस पर गंभीर कदम उठाने की योजना बनाई है। विभाग ने इसके निवारण के लिए अब अपनी रिकॉर्ड प्रक्रिया में सुधार करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी से बचा जा सके।
हालांकि, यह मामला शासन स्तर पर उठाए गए कदमों का परिणाम हो सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग में इस प्रकार की लापरवाही और निगरानी की कमी से लोगों के मन में विभागीय विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं।
आगे चलकर इस मामले में कानूनी और विभागीय कार्यवाही का भी संकेत दिया गया है, ताकि शासन स्तर पर सुधार किया जा सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।