अप रेन अलर्ट: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के 40 से अधिक जिलों के लिए गरज-चमक, मेघगर्जन और बिजली गिरने की संभावना जताई है.
इन जिलों में अगले 5 दिनों तक मौसम अस्थिर रहने की संभावना है. कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश, तो कुछ में हल्की बौछारों के साथ वज्रपात का खतरा बना रहेगा.
वज्रपात और बारिश की संभावना जिन जिलों में जताई गई है, उनमें शामिल हैं:
बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाके.
इन क्षेत्रों में आसमान में काले बादल, तेज हवाएं, और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं, जिससे जनहानि या संपत्ति नुकसान की आशंका रहती है.
राजधानी लखनऊ में गुरुवार को बादलों की आवाजाही बनी रही. कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश भी हुई. हालांकि, बीच-बीच में निकली तेज धूप ने उमस भरी गर्मी को बढ़ा दिया.
दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य माना गया. वहीं, न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक रहा.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक शुक्रवार को लखनऊ में भी बादलों का डेरा रहेगा.
कुछ इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है. अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग ने बताया कि बीते 24 घंटे में पूरे प्रदेश में औसतन 2.6 मिमी बारिश हुई है, जबकि अनुमान 5.7 मिमी था. यानी 54% कम बारिश दर्ज की गई.
हालांकि, 1 जून से 3 जुलाई तक की बात करें, तो प्रदेश में 132 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि अनुमानित औसत 112.5 मिमी था. यानी अब तक 17% अधिक वर्षा हो चुकी है.
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून सक्रिय हो चुका है, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक, बिजली गिरने और बारिश की गतिविधियां लगातार बनी हुई हैं.
यह स्थिति अगले 5 दिनों तक बनी रह सकती है. हालांकि, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.
बिजली गिरने से हर साल सैकड़ों लोग जान गंवाते हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में.
IMD और राज्य प्रशासन लगातार SMS अलर्ट, चेतावनी और जागरूकता अभियान चला रहे हैं. नागरिकों को भी चाहिए कि वे सरकारी सलाह का पालन करें और बिजली गिरने की स्थिति में पेड़ के नीचे या खुले मैदान में रुकने से बचें.