कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्रिनिदाद और टोबैगो के दौरे के बीच शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इस कैरिबियाई देश की करीब छह दशक पहले की गई यात्रा का उल्लेख किया।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इंदिरा गांधी की 1968 की यात्रा पर मेजबानों द्वारा तैयार एक वीडियो फिल्म का लिंक भी साझा किया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि त्रिनिदाद और टोबैगो के तत्कालीन प्रधानमंत्री एरिक विलियम्स द्वारा हवाई अड्डे पर इंदिरा गांधी का स्वागत किया जा रहा है, उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा है और लोग उनका स्वागत करने के लिए सड़कों पर कतार में खड़े हैं।
रमेश ने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों के योगदान और क्रिकेट जगत की कई हस्तियों का उल्लेख भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों के दौरे के दूसरे पड़ाव पर बृहस्पतिवार को त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला परसाद-बिसेसर ने की।
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, " प्रधानमंत्री आज त्रिनिदाद और टोबैगो में हैं। त्रिनिदाद और टोबैगो एक छोटा जुड़वां द्वीप गणराज्य है जिसने कई विश्व हस्तियों को जन्म दिया है। हम भारत में इसे उन स्थानों में से एक के रूप में जानते हैं जहाँ 19वीं शताब्दी में अंग्रेज़ हज़ारों गिरमिटिया मज़दूरों को ले गए थे। "
रमेश ने कहा कि गिरमिटिया मजदूरों के कुछ वंशजों ने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है, जैसे बासदेव पांडे जो 1995-2001 के दौरान प्रधानमंत्री थे, और वर्तमान प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर; साहित्य में वी.एस. नायपॉल, जिन्होंने 2001 में नोबेल पुरस्कार जीता, और उनके भाई शिव नायपॉल, और क्रिकेट में स्पिनर सन्नी रामाधीन, जिन्होंने जून 1950 में लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज़ द्वारा इंग्लैंड को पहली बार हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनका कहना है, "लेकिन शानदार बहु-नस्लीय त्रिनिदाद और टोबैगो में भारत से जुड़ाव के अलावा भी बहुत कुछ है। एरिक विलियम्स जो प्रथम प्रधानमंत्री और वहां स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। वह एक शानदार इतिहासकार थे, जिनकी पुस्तक 'कैपिटलिज्म एंड स्लेवरी' पहली बार 1944 में प्रकाशित हुई थी, लेकिन यह आज भी क्लासिक बनी हुई है। "
उन्होंने उल्लेख किया कि इंदिरा गांधी ने अक्टूबर, 1968 में पोर्ट ऑफ स्पेन में मुलाकात के दौरान इस विषय पर उनसे लंबी बातचीत की थी। मेजबानों ने उनकी यात्रा पर एक सुंदर फिल्म बनाई।"
रमेश के अनुसार, त्रिनिदाद और टोबैगो ने लेरी कॉन्स्टेंटाइन और ब्रायन लारा जैसे कुछ महान क्रिकेटरों को जन्म दिया है।
उन्होंने उल्लेख किया, "भारत के बेहतरीन लेग स्पिनरों में से एक सुभाष गुप्ते साठ के दशक की शुरुआत में यहीं बस गए। ढाई दशक बाद त्रिनिदाद की भाषाविद् पैगी रामेसर मोहन भारत में बस गईं और बाद में उन्होंने वांडरर्स. किंग्स. मर्चेंट्स: द स्टोरी ऑफ़ इंडिया थ्रू इट्स लैंग्वेजेज (2021) और फादर टंग, मदर लैंड: द बर्थ ऑफ़ लैंग्वेज इन साउथ एशिया (2025) जैसी शिक्षाप्रद और आकर्षक किताबें लिखीं।"
पीटीआई के इनपुट के साथ