प्रमोटर्स कर रहे हैं अंधाधुंध सेलिंग; सिर्फ जून में बेचे ₹95,000 करोड़ के शेयर, क्या यह चिंता वाली बात?

नई दिल्ली: कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रोचक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत के शेयर बाजार में मौजूद कंपनियों के प्रमोटर्स ने केवल जून महीने के दौरान 95,000 करोड़ रुपए (करीब $11 बिलियन) के मूल्य वाले शेयरों की बिकवाली कर दी है। सितंबर 2024 से भारत के शेयर बाजार में बड़ा क्रैश देखने को मिला था जिसके चलते सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बड़े इंडेक्स 12–14% तक गिर गया था हालांकि बीते अप्रैल महीने से भारत के शेयर बाजार में फिर से रिकवरी शुरू हुई है। जिसके बाद से मार्केट संभालते हुए फिर से उच्च स्तर पर पहुंच रहा है लेकिन अब प्रमोटर्स ने सेलिंग शुरू की है।
जून महीने के दौरान प्रमोटर्स की कुछ बड़ी बिकवाली का आंकड़ा–
विशाल मेगा मार्टसबसे बड़ी प्रमोटर्स की बिकवाली विशाल मेगा मार्ट कंपनी के शेयरों में नजर आई है। जब जून महीने में खबर आई कि कंपनी के प्रमोटर विशाल मेगा मार्ट के प्रमोटर समयात सर्विसेज ने ब्लॉक डील के जरिए विशाल मेगा मार्ट कंपनी के करीब 20% इक्विटी शेयरों को ब्लॉक डील के जरिए सेल कर दिया है। यह ब्लॉक डील 10,220 करोड़ रुपए में हुई है।
बजाज फिनसर्वइसके बाद प्रमोटर्स की बड़ी बिकवाली बजाज फिनसर्व में नजर आया है जहां पर दो अलग-अलग ब्लॉक डील में प्रमोटर्स ने करीब कंपनी के 3504 करोड़ रुपए के मूल्य के शेयर्स और 2002 करोड़ रूपए के मूल्य के शेयर्स की बिकवाली की है।
आईटीसीएफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज आईटीसी कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली प्रमोटर कंपनी BAT ने भी 1.5 बिलियन डॉलर के बराबर की शेयर की वैल्यू की बिकवाली की है।
एशियन पेंट्सरिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी देश की मशहूर पेंट कंपनी 17 साल पहले बड़े हिस्सेदारी खरीद करके एशियन पेंट्स में प्रमोटर बन गई थी। अब बीते जून महीने के दौरान RIL कंपनी ने एशियन पेंट्स कंपनी के करीब 3.5 करोड़ शेयरों को सेल करके 1.1 बिलियन डॉलर की कमाई की है।
इन कंपनियों के अलावा जून महीने के दौरान एयरटेल, हिंदुस्तान जिंक, इंडिगो, जुबिलेंट ग्रुप की कंपनियों के प्रमोटर्स ने भी बड़ी बिकवाली की है।
शेयर खरीद कौन रहा है?बड़ा सवाल यह बनता है कि प्रमोटर्स कितनी बड़ी बिकवाली होने के बाद आखिर बाजार से शेयर खरीद कौन रहा है तो कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू रिटेल निवेशक तेजी से कंपनी के शेयरों में खरीदारी कर रहे हैं। इसके अलावा म्युचूअल फंड हाउस, बीमा कंपनियां और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स भी प्रमोटर्स की बिकवाली में बड़े बायर्स बने है।
क्या यह चिंता वाली बात?आमतौर पर माना जाता है कि एक प्रमोटर अपनी कंपनी की वैल्यू और अपने कंपनी के शेयर प्राइस की वैल्यू बहुत अच्छे तरीके से जानता है क्योंकि उस प्रमोटर को अपने कंपनी के बारे में कई सारी जानकारियां प्राप्त होती है। एक प्रमोटर जब अपनी हिस्सेदारी को सेल करता है तो कहा जाता है कि प्रमोटर को लगता है कि उसकी कंपनी की शेयर प्राइस की वैल्यू अपने फेयर वैल्यू से अधिक है। इसलिए सेल कर रहा है। हालांकि हर बार ऐसा नहीं होता है क्योंकि कई बार प्रमोटर अपनी निजी वजह से भी बिकवाली करते हैं साथ ही अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफिकेशन के लिए बिकवाली का रास्ता अपनाते हैं। कई सारे प्रमोटर्स अपने शेयरों को दान के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि जब बाजार में तेजी रहती है तब प्रमोटर्स अपनी बिकवाली करके प्रॉफिट कमाते हैं। कुल मिलाकर के उनका अंतिम उद्देश्य कंपनी का प्रमोटर बनकर प्रॉफिट कमाना ही था। जो वह बिकवाली करके करते हैं।
ध्यान रहे प्रमोटर कई प्रकार के होते हैं जैसे की कोई एक इंडिविजुअल व्यक्ति भी प्रमोटर हो सकता है इसके अलावा कोई संस्था, कंपनी, इन्वेस्टमेंट बैंक, सरकार आदि।
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)