Petrol-Diesel Price: तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात है और यह कई कारणों से हो सकता है। पेट्रोल या डीजल की बाजार में मांग में तेजी से बढ़ोतरी के साथ ही कीमतों में भी बढ़ोतरी होती है। इसी तरह, कीमतों पर किसी भी आपूर्ति का तुरंत असर पड़ता है, चाहे इसका कारण कुछ भी हो। यह वैश्विक बाजार (Global Market) में कच्चे तेल की कीमत और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के मूल्य से भी काफी हद तक प्रभावित होता है। चूंकि भारत अपने कच्चे तेल (Crude Oil) का अधिकांश हिस्सा आयात करता है, इसलिए मुद्रा दरों का प्रभाव सीधे उपभोक्ताओं को प्रभावित करता है। इसके अलावा, संघीय और राज्य सरकारों (Federal and State Governments) द्वारा लगाए गए करों का भी पेट्रोल की कीमतों पर असर पड़ता है।
इससे यह पता चलता है कि प्रत्येक राज्य में पेट्रोल और डीजल की अलग-अलग कीमत क्यों है। सामान्य तौर पर, कई आंतरिक और बाहरी चर दैनिक आधार पर तेल की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत रोजाना सुबह छह बजे बदली जाती है। तेल विपणन निगम (OMCs), जो रोजाना नई कीमतें तय करते हैं, इस कर्तव्य के प्रभारी हैं। इस पद्धति का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्तियों को समय पर सटीक जानकारी मिले और दर पारदर्शी बनी रहे।
प्रत्येक राज्य का वैट संघीय सरकार (VAT Federal Government) द्वारा लगाए गए पेट्रोल और डीजल करों में जोड़ा जाता है। यह बताता है कि प्रत्येक राज्य में पेट्रोल की अलग-अलग कीमतें क्यों हैं। इससे ग्राहकों के लिए अपने पैसे का बजट बनाना आसान हो जाता है।
नई दिल्ली:
पेट्रोल ₹94.72
डीजल ₹87.62
मुंबई:
पेट्रोल ₹104.21
डीजल ₹92.15
कोलकाता:
पेट्रोल ₹103.94
डीजल ₹90.76
चेन्नई:
पेट्रोल ₹100.75
डीजल ₹92.34
अहमदाबाद:
पेट्रोल ₹94.49
डीजल ₹90.17
बेंगलुरु:
पेट्रोल ₹102.92
डीजल ₹89.02
हैदराबाद:
पेट्रोल ₹107.46
डीजल ₹95.70
जयपुर:
पेट्रोल ₹104.72
डीजल ₹90.21
लखनऊ:
पेट्रोल ₹94.69
डीजल ₹87.80
पुणे:
पेट्रोल ₹104.04
डीजल ₹90.57
चंडीगढ़:
पेट्रोल ₹94.30
डीजल ₹82.45
इंदौर:
पेट्रोल ₹106.48
डीजल ₹91.88
पटना:
पेट्रोल ₹105.58
डीजल ₹93.80
सूरत:
पेट्रोल ₹95.00
डीजल ₹89.00
नासिक:
पेट्रोल ₹95.50
डीजल ₹89.50
अगर आप अपने शहर की कीमत जानना चाहते हैं तो SMS से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:
उल्लेखनीय रूप से, मई 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। इसका एक मुख्य कारण सरकार द्वारा कर में कटौती करना है, जिसने दरों को स्थिर रखा है।