मानसून में मंजिल से ज्यादा खूबसूरत नजर आते हैं दक्षिण भारत के ये ट्रेन रूट
TV9 Bharatvarsh July 05, 2025 01:42 PM

जुलाई का मौसम जब बारिश की शुरुआत होती है तो दक्षिण भारत देखने लायक होता है. मानसून के मौसम में दक्षिण भारत के ट्रेन रूट का सफर इतना शानदार होता है कि आपको इस सफर को खत्म करने का ही दिल नहीं करेगा. धुली-धुली पहाड़ियां, बादलों से ढकी घाटियां और झरनों की कलकल करती आवाज एक अलग ही एक्सपीरियंस देते हैं. मौसम का मजा दोगुना तब हो जाता है जब आप ट्रेन की खिड़की से बाहर झांकते हैं. जी हां, दक्षिण भारत के कुछ ट्रेन रूट्स ऐसे हैं जो इस मौसम में किसी फिल्मी फ्रेम से कम नहीं लगते.

समंदर के ऊपर से गुजरती पम्बन ब्रिज की ट्रेन हो या कोकण रेलवे की सुरंगों से होती रोमांचक यात्रा, हर रूट पर बारिश की बूंदें जैसे कुछ अलग ही दृश्य देती हैं. कभी घने जंगलों के बीच से रेल धीरे-धीरे आगे बढ़ती है, तो कभी चाय के बागानों और झीलों के पास से गुजरती हुई आंखों को ठंडक देती है. तो अगर आप भी इस मानसून दक्षिण भारत की यात्रा करना चाहते हैं तो हम आपके लिए 5 ऐसे ट्रेन रूट लाए हैं जो आपकी जर्नी को एक अलग ही अनुभव देंगे.

1. मंडपम से रामेश्वरम रेल मार्ग

ये भारत का सबसे रोमांचक और अनोखा रेलमार्ग है, जो पम्बन ब्रिज से होकर गुजरता है. पम्बन ब्रिज एक समुद्र के ऊपर बना पुल है, जहां से गुजरते हुए ऐसा लगता है जैसे ट्रेन समंदर के बीचों-बीच चल रही हो. मानसून के मौसम में इस रूट की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है. समुद्र की ऊंची लहरें, ठंडी हवा और दूर-दूर तक फैला पानी मन मोह लेता है. बारिश की बूंदें जब ट्रेन की खिड़कियों पर गिरती हैं और आसमान बादलों से ढक जाता है, तो यह अनुभव और भी यादगार बन जाता है.

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2. कन्याकुमारी से त्रिवेंद्रम

यह रेल मार्ग भारत के दक्षिणी छोर से शुरू होता है और केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम तक जाता है. रास्ते में नारियल के पेड़, हरे-भरे खेत, झीलें और समुद्री किनारे दिखते हैं जो इसे बेहद खास बनाते हैं. मानसून में यह रूट हरियाली से भर जाता है और नजारे इतने सुंदर हो जाते हैं कि आप कैमरा उठाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे. ट्रेन खिड़की से बाहर देखते हुए महसूस होता है जैसे आप किसी नेचुरल पैंटिंग की गैलरी से गुजर रहे हों.

3. जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग

ये ‘दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे; का हिस्सा है और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता प्राप्त है. ये छोटी सी ट्रेन पहाड़ों की ढलानों, संकरे मोड़ों, सुरंगों और चाय बागानों से गुजरती है. मानसून के मौसम में कोहरा जब इन पटरियों से लिपट जाता है और बारिश की बूंदें चाय के पत्तों पर गिरती हैं, तब दृश्य अद्भुत हो जाता है. ट्रेन की धीमी रफ्तार यात्रियों को हर पल को जीने और महसूस करने का मौका देती है.

4. मैसूर से हसन

ये रेल मार्ग कर्नाटक राज्य के भीतर फैला हुआ है, जो मैसूर से शुरू होकर हसन तक जाता है. रास्ते में आप हरियाली से भरे खेत, पुराने मंदिर, पहाड़ियों और छोटे गांवों को निहार सकते हैं. मानसून के समय यहां की मिट्टी की सोंधी खुशबू, ताजगी से लहराते धान के खेत और हरे पेड़ आंखों को सुकून देते हैं. ये यात्रा तेज नहीं बल्कि सुकूनदायक होती है, जहां शांति और प्रकृति दोनों आपका स्वागत करती हैं.

5. मेंगलुरु से गोवा

ये रूट कोंकण रेलवे के सबसे प्रसिद्ध मार्गों में से एक है, जो पश्चिमी घाट और समुद्र के किनारे-किनारे चलता है. मानसून में इस रूट पर सैकड़ों छोटे-बड़े झरने बहने लगते हैं, बादल पहाड़ियों को ढक लेते हैं और सुरंगों में से निकलती ट्रेन रोमांच पैदा करती है. यहां के पुल, घाटियां और प्राकृतिक दृश्य इतने सुंदर होते हैं कि हर मुसाफिर मंत्रमुग्ध हो जाता है. खास बात यह है कि इस सफर में हर मिनट नया नजारा देखने को मिलता है, जो एक अलग ही एक्सपीरियंस देता है.

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