हरियाणा रोडवेज स्ट्राइक: हरियाणा रोडवेज के हजारों कर्मचारी 9 जुलाई को प्रदेशव्यापी चक्का जाम करने जा रहे हैं. इसकी वजह है सरकार द्वारा कर्मचारियों की लंबित मांगों को बार-बार नजरअंदाज किया जाना. कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो संपूर्ण बस सेवा ठप कर दी जाएगी.
वेतन नहीं मिलने से नाराज हैं 1044 कर्मचारी
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद और महासचिव सुमेर सिवाच ने कहा कि ऑनलाइन स्थानांतरण पॉलिसी के तहत नियुक्त किए गए करीब 1044 कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं दिया गया है.
- इन कर्मचारियों के सामने घर चलाने, बच्चों की स्कूल फीस भरने, दूध-दही व अन्य जरूरी खर्च उठाने में भारी संकट खड़ा हो गया है.
- वेतन ना मिलने से कर्मचारियों में गंभीर नाराजगी और मानसिक तनाव है.
प्रशासन से कई दौर की बातचीत भी बेअसर
वरिष्ठ उपप्रधान शिवकुमार और राज्य उपप्रधान जयकुंवार दहिया ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन हर बार सहमति के बावजूद कोई ठोस आदेश जारी नहीं किए गए.
- यूनियन नेताओं का कहना है कि यह सरकार की उदासीनता और वादाखिलाफी का उदाहरण है.
- उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता है, समाधान नहीं करता.
9 जुलाई को होगा प्रदेशव्यापी चक्का जाम
यूनियन ने ऐलान किया है कि 9 जुलाई को पूरे हरियाणा में चक्का जाम किया जाएगा. इस दिन:
- कोई रोडवेज बस सड़कों पर नहीं उतरेगी.
- सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे.
- इस आंदोलन को साझा मोर्चा का भी समर्थन प्राप्त है, जिससे यह आंदोलन और व्यापक हो सकता है.
बस बेड़े और रोजगार बढ़ाने की मांग
कर्मचारियों ने केवल वेतन ही नहीं, बल्कि रोडवेज के बेड़े को बढ़ाने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की भी मांग की है.
- यूनियन का कहना है कि हरियाणा सरकार 10 हजार नई बसें शामिल कर सकती है, जिससे
- प्रदेश के 6,000 युवाओं को पक्का रोजगार मिलेगा.
- लोगों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सेवा भी मिल सकेगी.
सरकार की चुप्पी से गहराया संकट
- अब तक हरियाणा सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि आंदोलन की चेतावनी के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है.
- अगर सरकार ने 9 जुलाई से पहले कोई समाधान नहीं निकाला, तो आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
- विशेषकर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवाएं रुकने से स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जाने वालों को भारी दिक्कत होगी.