कुल्लू और मनाली, हिमाचल प्रदेश के दो प्रमुख पर्वतीय स्थल हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाने जाते हैं। व्यास नदी के किनारे स्थित ये स्थल हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बर्फ से ढकी चोटियाँ, हरे-भरे जंगल, खूबसूरत घाटियाँ और शांत वातावरण इन स्थानों को स्वर्ग के समान बनाते हैं।
कुल्लू को 'देवताओं की घाटी' के नाम से जाना जाता है। यहाँ का वातावरण शांति, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ है। कुल्लू अपने मंदिरों, उत्सवों और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।
रघुनाथ मंदिर: यह कुल्लू का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान राम को समर्पित है।
कुल्लू दशहरा: यहाँ का दशहरा उत्सव विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं और विभिन्न देवताओं की झांकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं।
बिजली महादेव मंदिर: यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक भावना का अद्भुत संगम है।
कुल्लू से लगभग 40 किलोमीटर दूर मनाली एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो नवविवाहित जोड़ों और साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
हिडिम्बा देवी मंदिर: यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए जाना जाता है और पांडवों की पत्नी हिडिम्बा को समर्पित है।
सोलंग वैली: यह स्थान स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, ज़िपलाइनिंग और स्नोबोर्डिंग जैसी गतिविधियों के लिए आदर्श है।
रोहतांग पास: यह ऊँचाई पर स्थित दर्रा साल के अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है और हिमाचल का सबसे आकर्षक स्थान माना जाता है।
वशिष्ठ कुंड: यहाँ के गर्म पानी के स्रोत प्राकृतिक औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं।
रिवर राफ्टिंग (ब्यास नदी में)
ट्रेकिंग (हामटा पास, बिजली महादेव, भृगु झील ट्रेक)
कैंपिंग और बोनफायर
लोक-संगीत और नृत्य का आनंद
हस्तशिल्प, ऊनी कपड़े और लकड़ी के सामान की खरीदारी
मार्च से जून के बीच का समय गर्मियों की छुट्टियों के लिए सबसे अच्छा है, जबकि दिसंबर से फरवरी तक बर्फबारी और विंटर स्पोर्ट्स का आनंद लिया जा सकता है। मानसून के समय (जुलाई-अगस्त) यात्रा से बचना बेहतर होता है।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है, जो मनाली से लगभग 50 किमी दूर है।
सड़क मार्ग: दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से नियमित बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर है, हालांकि चंडीगढ़ से सड़क मार्ग अधिक सुविधाजनक है।
कुल्लू-मनाली केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक अनुभव है– प्रकृति, रोमांच, आध्यात्मिकता और संस्कृति का अनोखा संगम। चाहे आप सुकून भरे पल बिताना चाहें या साहसिक गतिविधियों का लुत्फ उठाना, यह स्थल हर तरह से आपको संतुष्टि प्रदान करेगा।