ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी का आतंकवाद पर कड़ा संदेश
newzfatafat July 07, 2025 09:42 AM
ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रविवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में स्थित प्रसिद्ध मॉडर्न आर्ट म्यूज़ियम में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए विभिन्न देशों के नेताओं के साथ एक पारिवारिक तस्वीर खिंचवाई। यह तस्वीर केवल एक सामान्य फोटो नहीं थी, बल्कि इसमें साझा विकास और वैश्विक चुनौतियों से निपटने का एक महत्वपूर्ण संदेश छिपा था, जो ब्रिक्स की एकता का प्रतीक बन गया। इस ऐतिहासिक तस्वीर में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अन्य सात देशों के नेता भी शामिल थे। इस तस्वीर में केवल चेहरे ही नहीं, बल्कि उन देशों के बीच सहयोग और साझेदारी की भावना भी झलकती है, जो ब्रिक्स समूह को मजबूती प्रदान करती है। अब इस समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ नए सदस्य देश जैसे मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई, इंडोनेशिया और सऊदी अरब भी शामिल हो गए हैं। क्या यह विस्तार भविष्य में शक्ति संतुलन को नया आकार देगा?
आतंकवाद पर प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश

शांति और सुरक्षा से संबंधित विशेष सत्र में, प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस वैश्विक समस्या से निपटने में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की आत्मा और गरिमा पर सीधा हमला था और मानवता के लिए एक गंभीर घाव भी। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ निंदा का रवैया केवल सुविधाजनक वक्तव्यों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह सभी देशों का साझा सिद्धांत होना चाहिए।

उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि राजनीतिक स्वार्थों को छोड़कर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों, क्योंकि यदि हम इसके लिए मानदंड बदलते रहेंगे, तो यह मानवता के साथ विश्वासघात होगा। इस दौरान उन्होंने उन देशों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस कठिन समय में भारत का समर्थन किया।


ब्रिक्स नेताओं की एकजुटता

ब्रिक्स समूह के अन्य नेताओं ने भी पहलगाम में हुए हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, वह अपराध है और इससे निपटने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाना आवश्यक है। इस घोषणापत्र में आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकानों, आतंकवाद को वित्तीय सहायता और सीमा पार पनाह लेने के मुद्दों पर सख्त कार्रवाई की प्रतिबद्धता जताई गई।

ब्रिक्स नेताओं ने यह भी कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, नस्ल या जातीयता से जोड़ना गलत है। जो लोग ऐसे कृत्यों में शामिल हैं, उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराना चाहिए। साथ ही, उन्होंने मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करते हुए वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से मुकाबला करने की एकजुट अपील की। ब्रिक्स ने अपने आतंकवाद रोधी कार्य समूह को और मजबूत बनाने का समर्थन किया है।


ब्रिक्स के भविष्य पर मोदी का विश्वास

पारिवारिक फोटो के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिबद्धता साझा की। उन्होंने लिखा कि रियो डी जेनेरियो में साथी ब्रिक्स नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। पीएम मोदी का मानना है कि ब्रिक्स में दुनिया को एक नई दिशा देने की अद्वितीय क्षमता है, बशर्ते सदस्य देश सहयोग और साझेदारी को प्राथमिकता देते रहें।


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