औद्योगिक भूमि नियम: पंजाब सरकार ने औद्योगिक प्लॉट्स के विभाजन को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है. 3 जुलाई 2025 को फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया, जिसके बाद से नई प्रक्रिया औपचारिक रूप से लागू हो चुकी है. यह नीति उन उद्योगपतियों और कारोबारियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी, जो बड़े प्लॉट को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर उसका उपयोग करना चाहते हैं.
किन प्लॉट्स को बांटने की होगी अनुमति? जानें सीमा और शर्तें
नई नीति के अनुसार, केवल 1000 वर्ग गज या उससे बड़े फ्रीहोल्ड प्लॉट्स को टुकड़ों में बांटने की अनुमति दी जाएगी.
प्रत्येक टुकड़ा कम से कम 400 वर्ग गज का होना अनिवार्य है.
प्लॉट का आकार चौड़ाई और गहराई के अनुपात में 1:3 से अधिक नहीं होना चाहिए.
साथ ही, प्लॉट के सामने 40 फीट चौड़ी सड़क का होना भी जरूरी होगा.
किन क्षेत्रों में लागू होगी यह नीति?
यह सुविधा PSIEC (Punjab Small Industries and Export Corporation) द्वारा प्रबंधित सभी स्थानों पर लागू होगी:
औद्योगिक एस्टेट्स
फोकल पॉइंट्स
इंडस्ट्रियल पार्क्स
ग्रोथ सेंटर्स
लेकिन ध्यान दें, यह नीति केवल उन्हीं आवेदनों पर लागू होगी जो नोटिफिकेशन जारी होने के बाद जमा किए जाएंगे.
फीस स्ट्रक्चर: आवेदन और प्रोसेसिंग शुल्क
प्लॉट के टुकड़े करने पर 5% फीस, जो रिजर्व प्राइस पर आधारित होगी.
यदि विभाजन परिवार या कानूनी वारिसों के बीच हो रहा है, तो 50% की छूट मिलेगी.
आवेदन के साथ ₹10,000 प्रोसेसिंग फीस भी ऑनलाइन जमा करनी होगी.
अगर टुकड़े के बाद अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) मिलता है, तो 10% अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
आवेदन प्रक्रिया और समयसीमा
आवेदकों को निर्धारित फॉर्म भरकर PSIEC के एस्टेट ऑफिस में जमा करना होगा.
आवेदन की जांच 21 कार्य दिवसों के भीतर की जाएगी.
मंजूरी के बाद टुकड़ों को अलग-अलग प्लॉट्स का दर्जा मिलेगा और नए प्लॉट नंबर जारी किए जाएंगे.
आंतरिक विकास कार्यों की जिम्मेदारी प्लॉट मालिक पर
टुकड़े किए गए प्लॉट्स में सड़क, पानी, सीवरेज जैसे आंतरिक विकास कार्यों की जिम्मेदारी प्लॉट मालिक की होगी.
1 एकड़ तक के प्लॉट्स: 12 महीने
1 से 10 एकड़ तक के प्लॉट्स: 18 महीने
10 एकड़ से अधिक: 24 महीने
इन सभी कार्यों की थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन अनिवार्य होगी.
केवल औद्योगिक कार्यों के लिए ही उपयोग की अनुमति
सरकार ने स्पष्ट किया है कि टुकड़े किए गए प्लॉट्स का उपयोग केवल औद्योगिक गतिविधियों के लिए ही किया जा सकता है.
3 वर्षों के भीतर उत्पादन शुरू करना अनिवार्य होगा.
नियमों के उल्लंघन पर PSIEC 30 दिन का नोटिस देकर अनुमति रद्द कर सकता है और प्लॉट की नीलामी भी कर सकता है.
अस्वीकृति की स्थिति में अपील का विकल्प भी उपलब्ध
अगर किसी आवेदन को अस्वीकृत कर दिया जाता है, तो आवेदक 90 दिनों के भीतर PSIEC के मैनेजिंग डायरेक्टर के पास अपील कर सकता है. इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी.
नीति में संशोधन का अधिकार मुख्यमंत्री के पास
नई नीति में भविष्य में कोई संशोधन किया जाना हो, तो इसका अधिकार केवल पंजाब के मुख्यमंत्री के पास होगा. यह स्पष्ट प्रावधान नीति को संस्थागत मजबूती देता है.
छोटे कारोबारियों और MSMEs के लिए बड़ा अवसर
यह नीति खासकर छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए लाभकारी है, जो सीमित संसाधनों में जमीन लेकर अपनी इकाई शुरू करना चाहते हैं. उद्योग विस्तार, रोजगार सृजन और राज्य के औद्योगिक विकास को यह निर्णय नई दिशा देगा.