उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में सकत गांव है. पिछले 17 सालों में यहां एक परिवार के दस लोगों ने सुसाइड कर लिया. बीते शुक्रवार को परिवार के एक और सदस्य ने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक युवक का नाम जितेंद्र बताया जा रहा है और उसकी उम्र 18 साल बताई जा रही है.
इसी परिवार में 21 दिन पहले युवक के चाचा और 4 महीने पहले बहन ने सुसाइड किया था. बताया जा रहा कि शुक्रवार को युवक जामुन खाने के बहाने घर से निकला था. काफी दे तक वापस नहीं आया, जिसके बाद युवक की तलाश शुरू हुई. फिर बाद में घर से एक किमी दूर युवक की लाश बरामद हुई.
क्या है मामला?मृतक युवक के दादा हीरालाल ने बताया कि मेरा पोता जितेंन्द्र सुबह 10 बजे खाना खाने के बाद खेतों की ओर यह कहते हुए गया था कि जामुन खाने जा रहा हूं. साथ ही उसने कहा कि धूप ज्यादा है तो बहन का दुपट्टा ले जा रहा हूं.
जब वह काफी देर से वापस वह वापस नहीं लौटा तो मृतक के पिता रामबरन ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला. इसके बाद करीब दो बजे राहगीरों ने घर से करीब एक किमी दूर, पास के गांव दहेड़ के बाहर उसका शव लटका देखा. इसके बाद सूचना परिवार को दी गई. सूचना मिलते ही परिवार में मातम छा गया. परिजनों में चीख पुकार मच गई.
जांच में जुटी पुलिससूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है. पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृतक के भाई गजेंन्द्र ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है. मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम के अनुसार शुरुआती जांच में सुसाइड का मामला लग रहा है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद मामला स्पष्ट हो पाएगा.
पिछले 5 महीनों में 4 सुसाइडपरिवार में पिछले 5 महीनों में 4 लोगों ने आत्महत्या कर ली है. इसमें मृतक जितेन्द्र के चचेरे बाबा शेर सिंह ने साढे़ चार महीने पहले फांसी लगाकर जान दे दी थी. 4 महीने पहले जितेन्द्र की सगी बहन सौम्या ने घर में ही फांसी लगाकर जान दे दी थी. जबकि 21 दिन पहले उसके चाचा बलवंत ने फांसी लगाकर जान दे दिया था. और अब जितेन्द्र के इस कदम के बाद परिवार पुरी तरह टूट गया है.
परिवार में अब कौन बचा?मृतक के परिवार में अब पिता रामबरन और मां, एक भाई और बहन, दीदी विद्या देवी और बाबा हीरा लाल बचे हैं, जबकि इसके चाचा बलवंत, जिन्होंने 20 दिन पहले सुसाइड किया था. उनके तीन बेटे, एक बेटी और उनकी पत्नी परिवार में बची हैं.