भारतीय रेलवे श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर “श्री रामायण यात्रा” शुरू करने जा रहा है. यह धार्मिक यात्रा 17 दिनों की होगी. 17 दिनों की यात्रा में अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक 30 से ज्यादा पवित्र स्थलों के दर्शन किए जा सकेंगे. इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ लग्जरी यात्रा का भी लुत्फ उठा सकेंगे. यात्रा की शुरुआत दिल्ली से होगी और रामेश्वरम से होते हुए यह सफर दिल्ली में आकर खत्म होगा.
पिछले साल अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु राम नगरी में आने को बेताब हैं. इसी भक्तिमय माहौल को देखते हुए रेलवे की भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) 25 जुलाई को भारत गौरव डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन के जरिए “श्री रामायण यात्रा” शुरू करने जा रहा है. IRCTC की यह पांचवीं रामायण यात्रा होगी. इस यात्रा की शुरुआत 2021 में हुई थी. तब से यह ट्रेन हर साल भगवान राम से जुड़े स्थलों तक चलाई जाती है.
रामायण यात्रा के लिए कितना किरायाइस ट्रेन में कुल 150 सीटें होंगी. एसी प्रथम श्रेणी (कूप) में 20 सीटें होंगी तो एसी प्रथम श्रेणी (केबिन) में 38 सीटें. इसके अलावा एसी द्वितीय श्रेणी में 36 और एसी तृतीय श्रेणी में 56 सीटें रखी गई हैं. जहां तक किराए की बात है तो इसका किराया थोड़ा ज्यादा रखा गया है. एसी तृतीय श्रेणी में एक सीट का किराया 1,17,975 रुपये है, तो एसी द्वितीय श्रेणी का किराया 1,40,120 रुपये रखा गया है. एसी केबिन में एक सीट के लिए 1,66,380 रुपये तो एसी कूप के लिए 1,79,515 रुपये देने होंगे.
रामायण के हर पृष्ठ का साक्षात अनुभव कराएगी भारतीय रेल!
25 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है 17 दिवसीय भव्य आध्यात्मिक यात्रा। pic.twitter.com/H1NtKYf0yD— Ministry of Railways (@RailMinIndia)
आईआरसीटीसी के अनुसार, इस पैकेज में सभी श्रेणियों में ट्रेन यात्रा, 1 एसी, 2 एसी और 3 एसी के लिए 3 स्टार लेवल के होटलों में ठहरने की सुविधा, खाना (केवल शाकाहारी), दर्शनीय स्थल, यात्रा बीमा और आईआरसीटीसी टूर मैनेजर की सेवाएं आदि शामिल हैं.
रेलवे की 17 दिनों की यह “श्री रामायण यात्रा” 30 से ज्यादा जगहों, आस्था, पौराणिक कथाओं और स्मृतियों से भरे रूट से होकर गुजरेगी. यात्रा की शुरुआत दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से होगी और फिर गाजियाबाद, अलीगढ़, टूण्डला, इटावा और कानपुर होकर लखनऊ पहुंचेगी.
यह साधारण ट्रेन यात्रा की तरह नहीं है. इस ट्रेन में शॉवर क्यूबिकल, फुट मसाजर, सेंसर-बेस्ड वॉशरूम, कोच में सीसीटीवी और मॉडर्न ऑनबोर्ड किचन से पकाए गए शाकाहारी खाने की सुविधा मिलेगी. सफर के दौरान हर सुबह एक नए शहर में होगी. यह शहर कोई आम शहर नहीं होगा, ये वह शहर होंगे जहां पर कभी भगवान राम ने अपने कदम रखे थे.
यात्रा के दौरान नेपाल भी जाएगी ट्रेनदिल्ली से शुरू होकर यह यात्रा का पहला पड़ाव अयोध्या होगा. यह भगवान राम की जन्मभूमि है. श्रद्धालु यहां पर राम जन्मभूमि मंदिर और हनुमान गढ़ी का दर्शन करने के अलावा राम की पैड़ी पर सरयू नदी के तट पर घूम सकते हैं. ट्रेन वाराणसी भी जाएगी. फिर, यहां से नंदीग्राम की ओर जाएगी जहां भरत ने राम की वापसी का इंतजार किया था. ट्रेन बिहार में सीतामढ़ी (सीता की जन्मस्थली) और उसके बाद नेपाल में जनकपुर में राम जानकी मंदिर जाएगी.
ट्रेन बक्सर, वाराणसी, प्रयागराज, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट भी जाएगी क्योंकि ये जगह राम के वनवास के प्रमुख जगहों में से रहे हैं. ट्रेन उत्तर से होते हुए दक्षिण की ओर कूच करेगी. फिर नासिक जाएगी जो पंचवटी से जुड़ा हुआ है, इसके बाद हम्पी, जिसे किष्किंधा का पुराना राज्य माना जाता है, और अंत में तमिलनाडु के रामेश्वरम, जहां भगवान राम ने बंदरों की मदद से लंका तक पुल बनाया था. यहां से होते हुए यह धार्मिक यात्रा वापस दिल्ली में आकर खत्म होगी.