बिहार के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, राज्य सरकार ने ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग समाज में युवाओं की स्थिति में सुधार और उत्थान से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
आयोग की भूमिका और मुख्य कार्य
बिहार युवा आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करना है। यह आयोग सरकारी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करेगा, ताकि युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर मिल सकें।
रोजगार सृजन और प्रशिक्षण: युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना और उन्हें कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाना।
निजी क्षेत्र में प्राथमिकता: यह सुनिश्चित करना कि राज्य के स्थानीय युवाओं को राज्य के भीतर निजी क्षेत्र के रोजगारों में प्राथमिकता मिले।
बाहर रह रहे युवाओं के हितों की रक्षा: राज्य के बाहर अध्ययन करने वाले और काम करने वाले युवाओं के हितों की भी रक्षा करना।
सामाजिक बुराइयों की रोकथाम: शराब और अन्य मादक पदार्थों जैसी सामाजिक बुराइयों को रोकने के लिए कार्यक्रम तैयार करना और इस संबंध में सरकार को अनुशंसाएं भेजना।
सरकारी सलाहकार: युवाओं से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को बहुमूल्य सलाह देना।
आयोग की संरचना और भविष्य की राह
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार युवा आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे। इन सभी पदाधिकारियों की अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार की यह दूरदर्शी पहल राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर, कुशल और रोजगारोन्मुखी बनाने पर केंद्रित है, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। इस आयोग के माध्यम से बिहार के युवा न केवल अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे, बल्कि राज्य के विकास में भी सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। बिहार युवा आयोग का गठन निश्चित रूप से राज्य में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा और युवाओं को सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
राज्य सरकार की इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनाना है ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो। इसके अलावा सामाजिक बुराइयों को बढ़ावा देने वाले शराब और अन्य मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए कार्यक्रम तैयार कर और ऐसे मामलों में सरकार को अनुशंसा भेजना भी इसका महत्वपूर्ण कार्य होगा।