पेट्रोल डीजल दर: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट की जाती हैं. इसका उद्देश्य आम जनता को सटीक और ताजा जानकारी समय पर उपलब्ध कराना है. यह प्रक्रिया तेल कंपनियों द्वारा तय की जाती है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर-रुपये के एक्सचेंज रेट के आधार पर कीमतों को निर्धारित करती हैं.
भारत में हर राज्य की टैक्स नीति अलग-अलग होती है, इसलिए एक ही दिन में भी हर शहर में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग होते हैं. यह कीमतें एक पारदर्शी सिस्टम के जरिए तय की जाती हैं ताकि उपभोक्ताओं को भ्रमित न किया जा सके.
हर रोज की पेट्रोल-डीजल कीमतों को जानना आम लोगों के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि इनका सीधा असर रोजमर्रा के बजट, महंगाई और ट्रांसपोर्ट पर पड़ता है. यही वजह है कि रोज़ाना रेट जानने से खर्च की बेहतर योजना बनाई जा सकती है.
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भारत में पेट्रोल और डीजल की दरें कई कारकों से प्रभावित होती हैं. भले ही मई 2022 के बाद से इन दरों में बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ हो, लेकिन दैनिक समीक्षा अब भी जारी रहती है. जानिए कौन से हैं वो प्रमुख कारण:
भारत अपनी तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा विदेशों से आयात करता है. जब ब्रेंट क्रूड या अन्य अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है, तो इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता है.
रुपया अगर कमजोर होता है, तो भारत को तेल खरीदने के लिए अधिक डॉलर खर्च करने पड़ते हैं, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं.
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स वसूलती हैं, जिसमें एक्साइज ड्यूटी, वैट और सेस शामिल होता है. राज्यवार दरें अलग-अलग होने से कीमतों में भी अंतर आता है.
कच्चे तेल को रिफाइन करना और उसे देशभर में पहुंचाना एक महंगा काम है. यह लागत भी अंतिम कीमतों में जुड़ती है.
अगर किसी समय मांग ज्यादा होती है और सप्लाई कम, तो कीमतें तेजी से ऊपर जा सकती हैं.
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पेट्रोल-डीजल सिर्फ वाहनों के लिए ही नहीं, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और रोजमर्रा की जरूरतों में उपयोग होते हैं. इनकी कीमत में थोड़ा भी उतार-चढ़ाव सीधे महंगाई और बजट पर असर डालता है. इसलिए इनकी नियमित जानकारी रखना बेहद जरूरी है.