शेख हसीना को न्याय के कटघरे में लाना जरूरीः बीएनपी
Udaipur Kiran Hindi July 10, 2025 12:42 AM

ढाका, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने आज कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके साथियों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है। यह सभी सामूहिक हत्याओं, यातनाओं और लोगों पर फासीवादी हमलों में शामिल हैं। हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग फासीवाद समर्थक हैं।

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, बीएनपी नेता फखरुल ने राजधानी स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज एंड हॉस्पिटल में बीएनपी अध्यक्ष की सलाहकार परिषद के सदस्यों डॉ. अब्दुल कुद्दुस और डॉ. सिराजुद्दीन से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह टिप्पणी की। पत्रकारों ने बीबीसी वर्ल्ड की विशेष रिपोर्ट बांग्लादेश के लिए लड़ाई: शेख हसीना का पतन पर उनकी टिप्पणी मांगी, तो फखरुल ने कहा कि सामूहिक हत्याओं और दमन में शामिल हर व्यक्ति को कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए और न्याय का सामना करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हजारों लोगों की हत्या के लिए शेख हसीना पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं। बीएनपी नेता ने कहा कि शेख हसीना के खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उनकी पार्टी अवामी लीग के खिलाफ भी ऐसा ही मुकदमा चलना चाहिए। अवामी लीग के दमन का शिकार बीएनपी रही है। बीएनपी नेता ने कहा कि उन पर खुद 112 मामलों में आरोप लगे हैं और वे 13 बार जेल जा चुके हैं।

मिर्जा आलमगीर ने कहा कि अगर बांग्लादेश में लोकतंत्र के लिए कोई सच्ची ताकत है तो वह बीएनपी है। बीएनपी ने देश में एकदलीय शासन को समाप्त किया और बहुदलीय लोकतंत्र और बाद में संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि देश को सभी के संयुक्त प्रयासों से बचाना होगा।

बीएनपी नेता ने कहा कि जो लोग मानते हैं कि चुनाव अनावश्यक है, उन्हें अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि चुनाव लोगों के लिए जरूरी हैं। बांग्लादेश को निर्वाचित सरकार की जरूरत है। इसीलिए, बीएनपी सुधारों का समर्थन करती है और राष्ट्रीय सहमति आयोग के साथ इस प्रक्रिया और चर्चा में हिस्सा ले रही है।

उल्लेखनीय है कि बीबीसी की एक रिपोर्ट से बांग्लादेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। बीबीसी का दावा है कि उसे पिछले साल बांग्लादेश में हुए राजनीतिक सत्ता परिवर्तन से जुड़ी कई ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग मिली हैं। इनके आधार पर बीबीसी ने कहा कि विगत पांच अगस्त को ढाका के जत्राबाड़ी इलाके में पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 52 लोग मारे गए थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कथित तौर पर सुरक्षा बलों को अधिकतम बल प्रयोग करने का अधिकार दिया था।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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