नई दिल्ली, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ‘भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) का इस्तेमाल करके बधिर छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के सर्वोत्तम तरीकों’ पर गुरुवार से दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
यह दो दिवसीय ऑफलाइन कार्यशाला 10-11 जुलाई को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित की जाएगी। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल इसका उद्घाटन करेंगे।
यह बधिर छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा के इस्तेमाल पर आधारित पहला सतत पुनर्वास शिक्षा (सीआरई) कार्यक्रम है, और यह बधिर शिक्षा के लिए शैक्षणिक रणनीतियों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य भारतीय सांकेतिक भाषा शिक्षण डिप्लोमा (डीटीआईएसएल) पाठ्यक्रम के बधिर छात्रों और पढ़ने-लिखने में चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य बधिर व्यक्तियों के बीच अंग्रेजी साक्षरता में सुधार के लिए प्रभावी शैक्षणिक दृष्टिकोणों की पहचान करना है।
कार्यक्रम के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि डीटीआईएसएल पाठ्यक्रम के बेसिक इंग्लिश भाग 1 और 2 मॉड्यूल के भविष्य के संशोधन में योगदान देगी।
कार्यशाला में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संसाधन व्यक्ति भाग लेंगे जिनमें हैप्पी हैंड्स स्कूल फॉर द डेफ के संस्थापक एवं निदेशक, बधिर छात्रों के लिए अंग्रेजी साक्षरता पर शोधकर्ता डॉ. सिबाजी पांडा
वरिष्ठ सलाहकार, बधिरों के लिए द्विभाषी शिक्षा के विशेषज्ञ, 20 से अधिक वर्षों का अनुभव वाले सुनील सहस्रबुद्धे शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी